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सातवें वेतन आयोग के बाद केंद्रीय कर्मियों का वेतन पर खर्च 15.79 प्रतिशत बढ़कर 1.16 लाख करोड रुपये से अधिक हो जाएगा: वित्त मंत्रालय

सातवें वेतन आयोग के बाद केंद्रीय कर्मियों का वेतन पर खर्च 15.79 प्रतिशत बढ़कर 1.16 लाख करोड रुपये से अधिक हो जाएगा: वित्त मंत्रालय


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केंद्रीय कर्मियों का वेतन खर्च इस साल एक लाख करोड रुपये से अधिक: वित्त मंत्रालय

सातवें वेतन आयोग की दस्तक और केंद्र सरकार की आर्थिक तंगी की गूँज संसद तक पहूँची

नयी दिल्ली: Aug 12 2015 चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतन खर्च एक लाख करोड रुपये  को पार कर जाएगा. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें आने के बाद इसमें और वृद्धि का अनुमान है जिससे सार्वजनिक वित्त मामले में जोखिम बढेगा. वित्त मंत्रलय ने आज यह बात कही.
     
संसद में आज पेश मध्यावधि व्यय रुपरेखा वक्तव्य के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन पर खर्च 9.56 प्रतिशत बढकर 1,00,619 करोड़ रुपये हो जाएगा. वित्त मंत्री अरण जेटली द्वारा संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-17 में सातवें वेतन आयोग के संभावित क्रियान्वयन के बाद यह 15.79 प्रतिशत और बढकर 1.16 लाख करोड रुपये  तक पहुंच जाएगा.

वर्ष 2017-18 में वेतन खर्च और बढकर 1.28 लाख करोड रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है.वक्तव्य में सरकारी कर्मचारियों के बढते पेंशन बिल पर भी चिंता जताई गई है. चालू वित्त वर्ष में सरकारी कर्मचारियों का पेंशन खर्च 88,521 करोड रुपये  तक पहुंच जायेगा, जो कि 2016-17 में बढकर 1.02 लाख करोड रुपये  और 2017-18 में 1.12 लाख करोड रुपये  तक पहुंच जायेगा. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी 2016 से अमल में लाया जा सकता है. सातवां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित किया गया था.

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COMMENTS

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  • सातवें वेतन आयोग की दस्तक और केंद्र सरकार की आर्थिक तंगी की गूँज संसद तक पहूँची, क्यों ?-
    सातवें वेतन आयोग के बाद केंद्रीय कर्मियों का वेतन पर खर्च 15.79 प्रतिशत बढ़कर 1.16 लाख करोड रुपये से अधिक हो जाएगा: वित्त मंत्रालय, क्यों ?-
    क्या वित्त मंत्री जी बताएँगे कि सेवक से प्रधान-सेवक (सभासद से प्रधान-मंत्री तक) तक को दिए जाने वाले वेतन, भत्तों, आदि के रूप में उनके मालिक अर्थात जनता से वसूले गए धन में से कितना धन ब्यय करते हैं दूसरी बात यह है कि 6th PAY COMMISSION के RECOMMENDATION को ना मानकर अर्थात 50% से अधिक महँगाई-भत्ते को मूल-वेतन में जोड़ने के बाद मिलने वाले महँगाई-भत्ते व अन्य भत्तों का अरबो रुपये अब-तक भारत-सरकार लूट चुकी है I
    सरकारी कर्मचारीओं पर खर्च का रोना रोकर तथा सरकारी कर्मचारीओं को बदनाम करके सरकार एक तरफ कर्मचारीओं की अघोषित छ्टनी करती जा रही है और दूसरी तरफ W.T.O. और I.M.F. के दबाव में ठेकेदारी, निजीकरण और आउट-सोर्सिंग के माध्यम से बेरोज़गारी का लाभ उठाकर युवाओं का शोषण करने के साथ-साथ देश और देश की भोली-भाली जनता को लूटकर भ्रष्टाचार बनाम आर्थिक-आतंकवाद फैला रही है I
    From:- Sn Srivastava, General Secretary, Rail Sewak Sangh India
    एस. एन. श्रीवास्तवा, महामंत्री, रेल सेवक संघ

  • क्या वित्त मंत्री जी बताएँगे कि सेवक से प्रधान-सेवक तक को दिए जाने वाले वेतन, भत्तों, आदि के रूप में उनके मालिक अर्थात जनता से वसूले गए धन में से कितना धन ब्यय करते हैं दूसरी बात यह है कि 6th PAY COMMISSION के RECOMMENDATION को ना मानकर अर्थात 50% से अधिक महँगाई-भत्ते को मूल-वेतन में जोड़ने के बाद मिलने वाले महँगाई-भत्ते व अन्य भत्तों का अरबो रुपये अब-तक भारत-सरकार लूट चुकी है I
    सरकारी कर्मचारीओं पर खर्च का रोना रोकर तथा सरकारी कर्मचारीओं को बदनाम करके सरकार एक तरफ कर्मचारीओं की अघोषित छ्टनी कटी जा रही है और दूसरी तरफ WTO और IMF के दबाव में ठेकेदारी, निजीकरण और आउट-सोर्सिंग के माध्यम से बेरोज़गारी का लाभ उठाकर युवाओं का शोषण करने के साथ-साथ देश और देश की भोली-भाली जनता को लूटकर भ्रष्टाचार बनाम आर्थिक-आतंकवाद फैला रही है I