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वन रैंक वन पेंशन लागू, जानिए OROP के बारे में

पूर्व सैनिकों दिवाली का तोहफा देते हुए केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की अधिसूचना शनिवार रात को जारी कर दी। इससे देश भर के लाखों पेंशन पाने वाले पूर्व सैनिकों को लाभ होगा।  केंद्र सरकार ने पांच सितंबर को ओआरओपी की मांग को स्वीकार करने की घोषणा की थी। पर इसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई थी। सरकार ने विलंब का कारण बिहार विधान सभा चुनाव के कारण लागू आचार संहिता को बताया था। केंद्र सरकार ने ओआरओपी का ऐलान ऐसे समय में किया है जब आंदोलनरत पूर्व सैनिकों से नौ नवंबर से देश भर में अपने मेडल लौटाने का ऐलान किया था। इससे पहले रक्षा मंत्री ने संकेत दिया था कि सरकार पूर्व सैनिकों की बहुप्रतीक्षित मांग पर सोमवार से पहले अधिसूचना जारी कर देगी।

ओआरओपी

– 25 लाख पूर्व सैनिकों को मिलेगा ओआरओपी का लाभ

– 06 लाख पूर्व सैनिकों की विधवाओं को भी मिलेगा लाभ

– 10,000 करोड़ तक का अतिरिक्त बोझ बढ़ सकता है सरकार पर ओआरओपी से
– 145 दिनों से पूर्व सैनिक दिल्ली के जंतर-मंतर और देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
– 09 एवं 10 नवंबर को अपने पदक जिलाधिकारियों को लौटाने का भी ऐलान किया था पूर्व सैनिकों ने
– 40 सालों से पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे हैं।

1 जुलाई, 2014 से मिलेगा लाभ

>2013 को बेस ईयर माना गया है। यानी कैलेंडर वर्ष 2013 के आधार पर पूर्व सैनिकों की पेंशन तय की जाएगी।
>रैंक और सेवा अवधि एक हुई तो पेंशन 2013 में रिटायर सैनिकों की पेंशन के औसत के बराबर होगी। जिसे औसत से ज्यादा मिल रही है, उसे मिलती रहेगी।
>एरियर्स 6-6 महीने में चार किस्तों में देंगे। लेकिन सैनिक के आश्रित परिवार, बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित पूर्व सैनिकों को एक ही किस्त में।
>भविष्य में पूर्व सैनिकों की पेंशन हर 5 साल में तय होगी।
>7 नवंबर 2015 के बाद खुद रिटायरमेंट लेने वाले सैनिकों को ओआरओपी का लाभ नहीं मिल सकेगा।
>ओआरओपी लागू करने में कोई विसंगति रह जाती है, तो उसका पता लगाकर दूर करने के लिए न्यायिक समिति बनाई जाएगी। समिति 6 महीने में रिपोर्ट देगी।

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