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वॉट्सएप पर वायरल हुआ सातवां वेतन का फर्जी जीआर, सरकारी ऑफिस में हडकंप

वॉट्सएप पर वायरल हुआ सातवां वेतन का फर्जी जीआर, सरकारी ऑफिस में हडकंप

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नागपुर.शायद आप शीर्षक पढ़कर दुविधा में होंगे। केंद्रीय कर्मचारियों से पहले राज्य कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग कैसे लागू किया गया। बुधवार को वॉट्सएप ग्रुप व सोशल मीडिया पर दिन भर फर्जी परिपत्रक (जीआर) वायरल होते रहा।


जीआर देख कोई यह मानने को तैयार नहीं था कि यह फर्जी है। झूठा मानने को कोई कारण भी नहीं था। इसमें जीआर नंबर, वेबसाइट नंबर, अधिकारी के हस्ताक्षर, तिथि आदि सब कुछ था।
इसे लेकर कर्मचारी खुश भी थे और एक-दूसरे को बधाइयां भी देते रहे। किन्तु जब मंत्रालय व वेबसाइट पर इसकी छानबीन की गई तो यह फर्जी जीआर निकला। लेकिन दिन भर यह चर्चा और चौंकाने वाला किस्सा बनता रहा। इस बोगस जीआर में राज्य के सभी पूर्णकालिक कर्मचारी और 1 जनवरी 2016 से सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग लागू करने के पहले मौजूदा पे-बैंड में वेतन लेने वाले कर्मचारियों की जानकारी जमा करने को कहा गया।
इसके बाद निर्गमित होने वाले 7वें वेतन आयोग संदर्भ के पत्र अनुसार कार्यवाही करने को कहा गया। किन्तु इस परिपत्रक में जो भाषा इस्तेमला की गई, वह संदिग्ध और संभ्रम में डालने वाली है। सरकार ने ऐसा कोई परिपत्रक ही नहीं निकाला। कास्ट्राइब जिप कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे ने बताया कि राज्य सरकार के अधिकृत वेबसाइट पर यह प्रसिद्ध होता है। लेकिन 8 मार्च की तिथि में ऐसा कोई परिपत्रक नहीं है।
अभी तक केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन की सिफारिशें लागू नहीं हुई हैं। इसके लिए सचिवों की एक उपसमिति बनाई गई है। केंद्रीय कर्मचारियों को आयोग लागू होने के बाद राज्य सरकार स्तर पर एक समिति गठित कर, समिति की रिपोर्ट मंत्रिमंडल के सामने आएगी। डॉ. चवरे ने बताया कि विभाग प्रमुख ने इस जीआर को गंभीरता से नहीं लेने का आह्वान किया है।

Read on : Dainik Bhaskar

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Admin

COMMENTS

WORDPRESS: 1
  • MANIK GANGULY 8 years ago

    from face book it has been learn that marger of 50% DA has been approved by the govt. If it is fact then what will be the fate of retired Railway employees