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350 रुपये प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी, 2014-15 और 2015-16 के लिए संशोधित बोनस, आगे का बोनस का निर्धारण सातवें वेतन आयोग पर गठित समिति करेगी, हड़ताल टालने की अपील

350 रुपये प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी, संशोधित दर से साल 2014-15 और 2015-16 के लिए बोनस, आगे का बोनस का निर्धारण सातवें वेतन आयोग पर गठित समिति करेगी

सरकार ने 350 रुपये प्रतिदिन तय की न्यूनतम मजदूरी


केंद्र सरकार ने अकुशल क्षेत्र के कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी को 246 रूपये से बढ़ाकर 350 रूपए तय कर दिया है। साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों को पिछले दो वित्तीय वर्षों का संशोधित बोनस देने का ऐलान भी किया है।


बोनस अधिनियम का सख्ती से पालन

अंतर-मंत्रीय समिति की सिफारिशों के आधार पर लिए गए निर्णय पर वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार संशोधित दर से साल 2014-15 और 2015-16 के लिए बोनस देगी। इस निर्णय के संबंध में जल्द अधिसूचना जारी की जाएगी। बोनस के भुगतान में 1920 करोड़ रूपये का भार प्रतिवर्ष के हिसाब से सरकारी खजाने पर पड़ेगा। इसके आगे का बोनस का निर्धारण सातवें वेतन आयोग पर गठित समिति करेगी। उन्होंने कहा कि संशोधित बोनस अधिनियम का सख्ती से पालन किया जाएगा। साथ ही बोनस भुगतान के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में लंबित मामलों के निपटारे के लिए सरकार कदम उठाएगी।

न्यूनतम मजदूरी में करीब 43% बढ़ोत्तरी

वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अकुशल गैर कृषि कामगारों के लिए सरकार ने न्यूनतम मजूदरी को बढ़ाकर 350 रूपया प्रतिदिन तय किया है। इससे पहले 2008 में न्यूनतम मजदूरी के साथ भत्ता जोड़ा गया था जो अब तक 246 रूपये था। उन्होंने बताया कि यह निर्णय श्रम व रोजगार मंत्री बंदारू दत्तात्रेय के नेतृत्व में न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड के साथ हुई बैठक में लिया गया है। यह बढ़ोत्तरी करीब 43 प्रतिशत की है। वित्त मंत्री ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों को लिखा है। इसके अलावा आंगनवाड़ी, मिड डे मील व आशा जैसे असंगठित क्षेत्र के स्वयंसेवकों को सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं मुहैया कराने के मद्देनजर एक समिति का गठन किया गया है। यह समिति जल्द रिपोर्ट देगी।

श्रमिक संगठनों से हड़ताल टालने की अपील

जेटली ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों और उनके संस्थानों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य किया जाएगा। इस मुद्दे पर राज्यों को परामर्श जारी किया जाएगा। अगर कोई कानून का उल्लंघन करेगा, तब उसे निर्धारित कानून के तहत कार्रवाई का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी राज्य सरकारों को यह परामर्श भी जारी किया जाएगा कि वह 45 दिन के अंदर श्रमिक संगठनों का पंजीकरण किए जाने के संबंध में निर्देश जारी करें। जेटली के साथ वित्त मंत्रालय में मौजूद श्रम दत्तात्रेय ने श्रमिक संगठनों से देशहित में 2 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल में नही जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आठ में से सात मांगों को मान लिया है। ऐसी स्थिति में संगठनों को हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए। इस दौरान उर्जा मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे।

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