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सातवें वेतन आयोग के भत्‍ते 01.01.2016 से लागू होंगें या मिलेगी क्षतपिूर्ति: एक विश्‍लेषण

सातवें वेतन आयोग के भत्‍ते 01.01.2016 से लागू होंगें या मिलेगी क्षतपिूर्ति: एक विश्‍लेषण paramnews.com द्वारा

सरकार द्वारा गठित, सातवां वेतन आयोग (7TH Pay Commission) के संदर्भ में न्यूनतम वेतन मान से लेकर कई भत्तों पर, बनी समिति ने अपना रिपोर्ट तैयार कर लिया है तथा 6 अप्रैल, 2017 को इस समिति में कर्मचारियों की ओर से उनके प्रतिनिधि और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अंतिम दौर की बातचीत भी समाप्त हो गई. हालांकि सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने की पुष्टि, प्रामाणिक स्रोतों से अभी तक उपलब्ध नहीं है. कैबिनेट सचिव ने पहले ही जेसीएम को आश्वासन दिया है कि वह जल्दी मंजूरी के लिए रिपोर्ट को कैबिनेट के पास रखेंगे। केंद्र सरकार के वित विभाग के एक प्रमुख स्रोत से मिली सूचना के आधार पर ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार, सातवां वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार भत्ते के लागू किए जाने में देरी होने के कारण अपने कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति देने के प्रस्ताव पर विचार कर सकती है.

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Paramnews.com टीम ने  इसकी प्रमाणिकता के लिए, कि सरकार सातवां वेतन आयोग द्वारा सिफारिश की गई भत्तों के लागू होने में हुई देरी के बदले क्षतिपूर्ति के प्रस्ताव पर विचार करेगी या नहीं, एक बिश्लेषण तैयार किया है और ये समझने की कोशिश की क्या केंद्र सरकार 7 वीं वेतन आयोग द्वारा सिफारिश की गई भत्ते में देरी के बदले किसी क्षतिपूर्ति के लिए घोषणा कर सकती है. यहां बहुत सारे सवाल उठे हैं और इस मामले पर हमने न्यायोचित विश्लेषण भी किया है जिसका उल्लेख नीचे प्रस्तुत है.


आखिर कब नई दरों पर भत्ते लागू की जाएंगी?

paramnews.com के पहले रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट 23 अप्रैल से पहले  7वे सीपीसी के संशोधित भत्ते का फैसला कर सकता है [देखने के लिए क्लिक करें] और दूसरी ओर रिजर्व बैंक भी संशोधित भत्ते को लागू करने के लिए अपना सकारात्मक संकेत सरकार को दे दिया है। पूरे लेख पढ़ें “RBI is not against the HRA hike as per 7th CPC HRA; Analysis”

7 वें वेतन आयोग और अल्लोवान्सेस समिति द्वारा अनुशंसित दर पर भत्ते के प्रभाव, की महत्वपूर्ण तारीख क्या है?

इस प्रश्न का उत्तर दो पहलुओं के अंतर्गत वास्तविक है, सबसे पहले कर्मचारियों की मांग और दूसरा, सातवां वेतन आयोग के लागू करने का तरीका। कर्मचारियों और उनके संघ, सातवां वेतन आयोग के  संशोधित भत्ते, सातवां वेतन आयोग के कार्यान्वयन तिथि से लागु करने के लिए सरकार पर कठोर दबाव डाल रहे हैं अर्थात 01.01.2016. लेकिन, क्या कर्मचारी संघ की मांग अनुचित है ? सातवां वेतन आयोग के गठन के समय को देखते हुए पूरी तरह से नहीं। यूनियनों ने देरी के लिए समिति और सरकार को दोषी ठहराया है।

7 वीं सीपीसी के कार्यान्वयन में देरी कर्मचारियों के पक्ष से नहीं थी

सातवां वेतन आयोग का गठन 28 फरवरी 2014 को एक संकल्प के माध्यम से न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता में , पूर्णकालिक सदस्य श्री विवेक राय और श्रीमती मीना अग्रवाल सचिव के रूप में, 18 महीने में रिपोर्ट देने के शर्त के साथ अधिसूचित किया गया था. प्रारंभिक अधिसूचना के अनुसार यह रिपोर्ट अगस्त, 2015 में ही जमा की जानी थी, लेकिन आयोग ने रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त 3 महीने का समय लिया और अंत में आयोग ने 3 माह के बाद यह रिपोर्ट सरकार को नवंबर 2015 को सौंप दी। हालांकि, वित मंत्रालय के कार्यान्वयन सेल द्वारा, सातवां वेतन आयोग की कार्यान्वयन के लिए अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के लिए दो से चार महीने पर्याप्त थे, लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट की समीक्षा के लिए इसे एक उच्च स्तरीय समिति को सौंप दिया.

अंत में सरकार ने रिपोर्ट प्राप्त करने के 8 माह बाद 25 जुलाई, 2016 को सातवां वेतन आयोग की कुछ सिफारिश को मंजूरी दे दी तथा केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को 01.01.2016 से संशोधित मूल वेतन के बकाया प्राप्त करने का अधिकार और नए वेतन से अगस्त माह लागू करने का आदेश दिया।

English Version of this news: Click to read Delay in 7th CPC Allowances: Is any compensation on the way: Paramnews.com

संशोधित भत्ता की प्रभावी तारीख क्या होगी ?- 01/01/2016 या 01.08.2016 या फिर, भत्ता समिति की रिपोर्ट के अनुमोदन के बाद के महीने से ?


सबसे अहम सवाल अब भी बना हुआ है कि सरकार ने संशोधित मकान किराया भत्ता को कब से देने की बात को स्वीकार करता है. यह प्रश्न अभी भी कर्मचारियों को सता रहा है. क्या यह दर 01.01.2016 से लागू की जाएगी या फिर 01.08.2016 से यह लागू होगी. चूंकि कर्मचारी संघ संशोधित भत्ते को 01.01.2016 से लागु करने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा इसे स्वीकार किया जाना मुश्किल लगता है। क्योकि, जैसा हम जानते हैं कि छठे वेतन आयोग और पिछले अन्न वेतन आयोग में भी भत्ता पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया गया क्योंकि संशोधित मूल वेतन का मतलब ही है, कि संबंधित वेतन आयोग के अनुसार संशोधित वेतन के अनुमोदन/ कार्यान्वयन की तारीख से भत्ते दी जाएगी. इसलिए आसानी कहा जा सकता है कि संशोधित भत्ते, सातवां वेतन आयोग के अनुमोदन/कार्यान्वयन की तारीख से नहीं दिया जाएगा, अर्थात 01.01.2016. अब सवाल उठता है कि सरकार द्वारा कर्मचारीयों की सातवां वेतन आयोग संशोधित भत्ते के अनुमोदन/कार्यान्वयन की तारीख क्या होगी. शायद, यह तारीख 01 अगस्त 2016 हो सकती है। इस सदर्व में बिभिन्न बिशेस्ग्यो का भी यही कहना है कि सरकारी कर्मचारी, सातवां वेतन आयोग के अनुमोदन की तारीख 01 अगस्त 2016 से ही, संशोधित/बढ़ाए गए भत्ते प्राप्त करने के पात्र हैं.

क्या सरकार पूर्वव्यापी प्रभाव से भत्ते को संशोधित करेगी?

उपरोक्त प्रश्न का उत्तर पाने के लिए, सातवां वेतन आयोग के मानदंडों के अनुसार मिलने वाली बेतन और भत्ते को सारांश के रूप में विश्लेषण किया जाना चाहिए। छठे वेतन आयोग और सातवां वेतन आयोग में मिली वेतन के बीच के अंतर को समझने के लिए यहां सबसे कम वेतनमान लिया गया है: –

  • छठे वेतन आयोग में लागु न्यूनतम वेतनमान  = पीबी 1 (5200-20200) और ग्रेड पे 1800 

इस पैमाने पर कर्मचारी को सातवां वेतन आयोग से पहले यानि दिनांक 01.01.2016 से पहले निम्नलिखित बेतन ले रहे थे – मूल वेतन: रु. 5200 + ग्रेड पे रु. 1800 = रु. 7000 (नव नियुक्ति के लिए भुगतान अलग था)

  • डीए 01.01.2016 = रु 8330
  • एक्स ग्रुप सिटी के लिए
  • एचआरए – 2100
  • टीटीपी सभी – 600 + 714 = रु। 1314
  • कुल सकल वेतन = 17430

इस पैमाने पर कर्मचारी 01.01.2016 से प्रभावी सातवां वेतन आयोग में पात्र थे –

  • मूल वेतन = रु. 18000
  • एचआरए = रु. 4320 और टीपीटी = 1350
  • अभी व मूल वेतन में अंतर रु. 2670 अंतर
  • मूल वेतन में अंतर रु. 2670
  • भत्ता में अंतर (एचआरए केवल) रु. है रु .220

उपरोक्त उदाहरण के अनुसार संशोधित मूल वेतन और संशोधित भत्ता (एचआरए) के अंतर लगभग 85% है. इसका अर्थ है कि सरकार ने भत्ते के अनुमोदन में देरी कर कर्मचारी के वेतन और भत्ते बढ़ाने के लिए व्यय का 85% धन बचा लिया है. केंद्र सरकार के कर्मचारी को अगस्त 2016 से इस राशि का लाभ नहीं मिल रहा है. इसलिए यह भी यहाँ भी मोटे तौर पर कहा जा सकता है की सरकारी कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग के कार्यान्वयन की तारीख से संशोधित भत्ता नहीं मिलने की स्थिति में अगस्त, 2016 में क्षतिपूर्ति के लिए पात्र हैं।


01.01.2016 से संशोधित भत्ता की संघीय मांग को मुआवजे से मनाया जा सकता है

सूत्रों के मुताबिक, सातवां वेतन आयोग में बढ़ी भत्ते के सिफारिश की जांच के लिए गठीत भत्ता समिति ने 01/01/2016 की तारीख से संशोधित भत्ता (एचआरए) देने के लिए संघ की मांग को महत्व दिया है. इस समिति द्वारा सरकार को सुझाव के अनुसार एक सकारात्मक नोट दिया गया. सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि संशोधित भत्ते के संबंध में सरकार द्वारा निर्णय में देरी के लिए कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति करने के लिए संशोधित भत्ते पर सरकार द्वारा दिए गए अनुमोदन/निर्णय की तिथि तक जनवरी, 2016 या अगस्त 2016 से मुआवजा मासिक दर के रूप में दिया जाएगा.

निष्कर्ष: यह भविष्य की बात है कि कर्मचारियों को सरकार के द्वारा संशोधित भत्ते कितना और कब से दिया जाए ? लेकिन यह सच है कि कर्मचारी अगस्त 2016 से संशोधित भत्ते के लिए पात्र हैं और या तो भत्ते को पूर्वव्यापी रूप से या मुआवजे के रूप में दिया जाना चाहिए। 9 महीने तक संशोधित भत्ते के नुकसान के बाद क्या केंद्र सरकार के कर्मचारी लिए “आछे दिन” आ गये. क्या केंद्र सरकार “सबका साथ सबका विकास” का अनुसरण कर रही है.
और पढ़ें Source: [Paramnews.com ##eye##]

COMMENTS

WORDPRESS: 1
  • THE GOVT IS DEADLY SILENT RE RIVISION OF PAY SCALES AND PENSION OF RETIRED JUDGES OF HIGH COURTS AND SUPREME COURT.WHY? HAVE THEY CHANGED THEIR MIND ON THE ISSUE LEAVING jUDGES HIGH AND DRY? hON'BLE MINISTER mR JITENDRA SING IS TO REPLY WITH CLARIFICTION