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सातवें वेतन आयोग के अनुपालन में सर्वोच्‍च न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों के लिए संशोधित वेतन, ग्रेच्‍यूटी, भत्‍तों और पेंशन की मंजूरी

सातवें वेतन आयोग के अनुपालन में सर्वोच्‍च न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों के लिए संशोधित वेतन, ग्रेच्‍यूटी, भत्‍तों और पेंशन की मंजूरी

पत्र सूचना कार्यालय 
भारत सरकार
मंत्रिमंडल 
22-नवंबर-2017 17:44 IST

मंत्रिमंडल ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों के लिए संशोधित वेतन, ग्रेच्‍यूटी, भत्‍तों और पेंशन की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों और सर्वोच्‍च न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालयों के सेवानिवृत्‍त न्‍यायाधीशों के लिए संशोधित वेतन, ग्रेच्‍यूटी, भत्‍तों और पेंशन की मंजूरी दी। यह कदम केन्‍द्रीय कर्मचारियों के लिए गठित सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्‍वयन के अनुपालन में हुआ है।

इस मंजूरी से भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश (सीजेआई), भारत के सर्वोच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीशों, उच्‍च न्‍यायालयों के मुख्‍य न्‍यायाधीशों और सभी न्‍यायाधीशों के वेतन को प्रशासित करने वाले दो कानूनों नामत: सर्वोच्‍च न्‍यायालय न्‍यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम, 1958 और उच्‍च न्‍यायालय न्‍यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम 1954 में आवश्‍यक संशोधन करने का मार्ग प्रशस्‍त हो गया है।
वेतन एवं भत्‍तों आदि में बढ़ोत्‍तरी से भारत के सर्वोच्‍च न्‍यायालय के 31 न्‍यायाधीशों (सीजेआई सहित) और उच्‍च न्‍यायालयों 1079 न्‍यायाधीशों को फायदा मिलेगा। इसके साथ-साथ लगभग 2500 सेवानिवृत्‍त न्‍यायाधीशों को भी पेंशन/ग्रेच्‍यूटी में संशोधन के कारण फायदा मिलेगा।
संशोधित वेतन, गेच्‍यूटी, पेंशन और परिवार पेंशन में संशोधन 01.01.2016 से लागू होगा और बकाया राशि एकमुश्‍त भुगतान के रूप में प्रदान की जाएगी।
पृष्‍ठभूमि:
सर्वोच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीशों के संबंध में वेतन, गेच्‍यूटी, पेंशन और भत्‍ते आदि सर्वोच्‍च न्‍यायालय न्‍यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम, 1958 द्वारा प्रशासित होते हैं। उच्‍च न्‍यायालयों के वेतन, गेच्‍यूटी, पेंशन और भत्‍ते आदि उच्‍च न्‍यायालय न्‍यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम 1954 द्वारा प्रशासित होती हैं। सर्वोच्‍च न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालयों के न्‍यायाधीशों के संबंध में वेतन, गेच्‍यूटी, पेंशन और भत्‍ते आदि संशोधन करने के लिए जब कभी भी कोई प्रस्‍ताव होता है तो उपर्युक्‍त अधिनियमों में संशोधन करने की आवश्‍यकता होती है। इसलिए, सरकार वेतन एवं भत्‍तों के संशोधन को लागू करने के लिए संबंधित अधिनियमों में संशोधन हेतु संसद के आगामी सत्र में एक विधेयक पेश करने का प्रस्‍ताव करती है।
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