MACPS in cases of promotion between 01.01.2006 and the date of notification of CCS (RP) Rules, 2008 and merger of posts: Railway Board Order No. 31/2021

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MACPS in cases of promotion between 01.01.2006 and the date of notification of CCS (RP) Rules, 2008 and merger of posts: Railway Board Order No. 31/2021

MACPS in cases of promotion between 01.01.2006 and the date of notification of CCS (RP) Rules, 2008 and merger of posts: Railway Board Order No. 31/2021

GOVERNMENT OF INDIA/ भारत सरकार
MINISTRY OF RAILWAYSRE/ रेल मंत्रालय
(RAILWAY BOARD) रेलवे बोर्ड

S. No. PC-VII/16 7
No. PC-V/2016/MACPS/1

RBE No.31/2021
New Delhi, dated 22-4-2021

The General Managers (P)
All Indian Railways and PUs.

Sub:- Regulation of MACPS in cases of promotion taking place in the pre-revised pay structure between 01.01.2006 and the date of notification of CCS (RP) Rules, 2008 and the subsequent merger of the pre-revised pay scales of the promotional and the feeder posts in a common Grade.

Ref:- Railway Board’s letter dt. 08-04-2016 (RBE No. 33/2016).

References have been received in Board’s Office from a few Railways, seeking clarification on the abovementioned subject. The issue has been examined in consultation with DoP&T, the nodal department of the Government on MACPS. It has been observed that in terms of Board’s letter dated 08-4-2016 (RBE No. 33/2016), the promotion earned by employee, even though in the same Grade Pay as both the feeder grade and promotional grade are in the same Grade Pay, entails the benefit of pay fixation under Rule 13 of RS (RP) Rules, 2008. Thus, it cannot be said that the employee has stagnated in a particular grade for 10 years or more in order to be eligible for financial upgradation under MACP Scheme. Therefore, the promotion earned to the higher grade with the same Grade Pay shall count as an offset for determining, his eligibility of financial upgradation under MACP Scheme. Accordingly, the next financial upgradation under MACPS would become due only if the employee stagnates in that promotional grade for 10 or more years or has also rendered overall regular service of 20/30 years, subject to fulfillment of other eligibility conditions prescribed under MACPS for further financial upgradation.

2. Further, the promotion allowed after 01.01.2006 but before notification to grade which now fall in the same Grade Pay shall not be ignored for the purpose of determining MACP entitlement in terms of Para 8.1 of Annexure I to Railway Board’s letter No. PC-V/2009/ACP/2 dated 10-6-2009 (RBE No. 101/2009).

3. This issues with the concurrence of the Finance Directorate of the Ministry of Railways.

4. Hindi version is enclosed.

(This disposes of Northern Railway’s letter No. 2016/Adm/Bills/FOP/SSO dated 09-7-2018)

Sd/-
(Sudha A Kujur)
Deputy Director, Pay Commission
Railway Board


भारत सरकार / GOVERNMENT OF INDIA
रेल मंत्रालय / MINISTRY OF RAILWAYS
(रेलवे बोर्ड / RAILWAY BOARD)

क्र. सं. पीसी-VII/
सं. पीसी-V/2016/एमएसीपीएस/1

आरबीई सं.   /2021
नई दिल्‍ली, दिनांक:22.04.2021

महाप्रबंधक (कार्मिक)
सभी भारतीय रेलें और उत्पादन इकाइयां

विषय: 01.01.2006 और केंद्रीय सिविल्र सेवा (संशोधित वेतन) नियमावली, 2008 की अधिसूचना की तारीख के बीच संशोधन-पूर्व वेतन संरचना में होने वाली पदोन्नति के मामलों में एमएसीपी योजना का विनियमन और उसके बाद पदोन्नति तथा फीडर पदों के संशोधन-पूर्व वेतनमानों का कॉमन ग्रेड में विलय।

संदर्भ: रेलवे बोर्ड का दिनांक 08.04.2016 (आरबीई सं.33/2016) का पत्र।

बोर्ड कार्यालय में कुछ रेलों से पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनमें उपर्युक्त विषय पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, जो एमएसीपी योजना के संबंध में सरकार का नोडल विभाग है, के परामर्श से इस मामले की जांच की गई है। यह देखा गया है कि बोर्ड के दिनांक 08.04.2016 (आरबीई सं.33/2016) के पत्र के अनुसार, कर्मचारी द्वारा प्राप्त पदोन्‍नति भले ही फीडर ग्रेड और पदोन्नति ग्रेड दोनों ही समान ग्रेड वेतन में होने के कारण समान ग्रेड वेतन में हुई हो, रेल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2008 के नियम 13 के अंतर्गत वेतन निर्धारण का लाभ देने का प्रावधान है। इस प्रकार, यह नहीं कहा जा सकता कि कर्मचारी को एमएसीपी योजना के अंतर्गत वित्तीय उन्‍नयन के लिए पात्र होने के उद्देश्य से 10 वर्ष या उससे अधिक समय तक किसी एक ही ग्रेड में रखा गया है। इसलिए, कर्मचारी की समान ग्रेड वेतन के साथ उच्चतर ग्रेड में हुई पदोन्‍नति को एमएसीपी योजना के अंतर्गत वित्तीय उन्‍नयन के लिए उसकी पात्रता निर्धारित करने हेतु समायोजित किया जाएगा। तदनुसार, एमएसीपी योजना के अंतर्गत अगला वित्तीय उन्‍नयन तभी मिलेगा जब कर्मचारी 10 वर्ष या उससे अधिक समय से पदोन्नति ग्रेड में ही हो या कर्मचारी ने समग्र रूप से 20/30 वर्ष की नियमित सेवा भी पूरी की हो बशर्ते वह अगले वित्तीय उन्‍नयन के लिए एमएसीपी योजना के अंतर्गत निर्धारित अन्य पात्रता शर्तों को पूरा करता हो।

2. इसके अलावा, 01.01.2006 के बाद परन्तु ग्रेड की अधिसूचना की तारीख से पहले की गई पदोन्नति जो अब समान ग्रेड वेतन में आती है, रेलवे बोर्ड के दिनांक 10.06.2009 पत्र सं.पीसी-४/2009/एसीपी/2 (आरबीई सं.101/2009) के अनुबंध-। के पैरा 8.1 के संबंध में एमएसीपी पात्रता निर्धारित करने के प्रयोजनार्थ नजरअंदाज नहीं की जाएगी।

3. इसे रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय की सहमति से जारी किया जा रहा है।

(इससे उत्तर रेलवे के दिनांक 09.07.2018 के पत्र सं.2016/एडमिन/बिल्स/एफओपी/एसएसओ का निपटान हो जाता है)

(सुधा ए. कुजूर)
उप निदेशक, वेतन आयोग
रेलवे बोर्ड

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