Smt. Meera Singh – Nonpayment of revised Life Time Arrears of 7 years resolved in 10 days through Feedback Call Centre and Portal and received Rs 5,00,000 as LTA

HomePension

Smt. Meera Singh – Nonpayment of revised Life Time Arrears of 7 years resolved in 10 days through Feedback Call Centre and Portal and received Rs 5,00,000 as LTA

Smt. Meera Singh – Nonpayment of revised Life Time Arrears of 7 years resolved in 10 days through Feedback Call Centre and Portal and received Rs 5,00,000 as LTA

SUCCESS STORIES: FEEDBACK CALL CENTRE & PORTAL

Smt. Meera Singh — Nonpayment of revised Life Time Arrears of 7 years

Introduction:

In the realm of public service, success stories often emerge from the dedicated efforts of individuals and the efficient functioning of grievance redressal systems. One such inspiring tale is that of Smt. Meera Singh, the widow of late Sh. Deo Narayan Singh, who faced the daunting challenge of nonpayment of revised Life Time Arrears for seven years.

The Challenge:

Smt. Meera Singh’s struggle began when she realized that the entitled payment for the Life Time Arrears, due from April 2017 to January 2021, had not been disbursed. Undeterred, she took the proactive step of filing a complaint on the designated portal on 24th March 2023, seeking resolution for her longstanding financial grievance.

The Initial Hurdles:

Despite her effort, the case was prematurely closed on 15th April 2023, leaving Smt. Meera Singh without the actual benefits she rightfully deserved. This setback, however, did not deter her or the system responsible for resolving such issues.

The Turning Point:

Upon re-examining the case, it was determined that a mistake had occurred, and Smt. Meera Singh’s case was fit for re-registration. This decision was swiftly executed on 3rd October 2023, accompanied by an email notification to the relevant department, highlighting the urgency of the matter.

Proactive Measures:

To ensure a seamless resolution, a video conference (VC) was conducted with the concerned Public Grievance (PG) officer to discuss the intricacies of the case. This multifaceted approach aimed at expediting the process and addressing the concerns of the aggrieved family.

Swift Resolution:

The concerted efforts bore fruit as the Life Time Arrears were meticulously processed, and a substantial sum of approximately Rs 5,00,000/- was credited to Smt. Meera Singh’s family pensioner’s account. What stands out in this success story is the efficiency with which the re-registered case was concluded in a mere 10 days, bringing an end to years of financial uncertainty for the widow.

Conclusion:

Smt. Meera Singh’s journey from an unresolved complaint to the successful resolution of her case exemplifies the potency of an effective Feedback Call Centre & Portal. This success story not only highlights the system’s responsiveness but also serves as a beacon of hope for others facing similar challenges. In the tapestry of public service, tales like these underscore the significance of persistent efforts and streamlined grievance redressal mechanisms in building a more responsive and accountable governance structure.

smt-meera-singh-nonpayment-of-revised-life-time-arrears

श्रीमती मीरा सिंह – 7 वर्षों के संशोधित लाइफ टाइम एरियर का भुगतान न करना

परिचय:

सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में, समर्पित व्यक्तियों और शिकायत सुलझाने की प्रणालियों के कुशल कार्यों से अक्सर सफलता की कहानियाँ उत्पन्न होती हैं। एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी है श्रीमती मीरा सिंह की, जो श्री देव नारायण सिंह की विधवा है, जिन्होंने सात सालों तक संशोधित पेंशन बकाया के प्राप्‍त करने में कठिनाईयों का सामना किया।

चुनौती:

श्रीमती मीरा सिंह की मुश्किलें तब शुरू हुईं जब पता चला कि अप्रैल 2017 से जनवरी 2021 तक जीवनकाल बकाया का अधिकारपूर्ण भुगतान नहीं हुआ था। हार नहीं मानकर, अपनी दीर्घकालिक आर्थिक शिकायत का समाधान मांगते हुए, उन्होंने 24 मार्च 2023 को पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज की, ।

पहले रुकावटें:

उनके प्रयास के बावजूद, मामला 15 अप्रैल 2023 को समय से पहले बंद कर दिया गया, जिससे श्रीमती मीरा सिंह को उसके वास्तविक लाभ बिना मिले रह गए। हालाँकि, इस झटके ने उसे या ऐसे मुद्दों को हल करने के लिए ज़िम्मेदार प्रणाली को नहीं रोक सका।

पलटवार:

मामला पुनः जाँचने पर यह पाया गया कि एक गड़बड़ी हुई थी, और श्रीमती मीरा सिंह का मामला पुनः पंजीकरण के लायक पाया था। इस निर्णय को 3 अक्टूबर 2023 को शीघ्र लागू किया गया, जिसके साथ ही संबंधित विभाग को मामले को अति-तत्‍काल बताते हुए एक ईमेल भेजी गई ।

सक्रिय कदम:

सुनिश्चित करने के लिए कि समाधान को बिना किसी बाधाओं के पूरा किया जाए, संबंधित लोगों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) आयोजित की गई, जिसमें संबंधित पब्लिक ग्रीवेंस (पीजी) अधिकारी के साथ मामले की जटिलताओं पर चर्चा की गई। यह समर्पित प्रयास से प्रक्रिया को गति देने और परिवार के दुखी सदस्य की चिंता को पूरा करने का उद्दीपन किया गया।

त्वरित समाधान:

समर्पित प्रयासों ने फल पैदा किया जब लाइफ टाइम एरियर सूचीबद्ध रूप से प्रोसेस किए गए और लगभग ₹5,00,000/- का बड़ी राशि Smt. Meera Singh के परिवार पेंशनर खाते में क्रेडिट किया गया। इस सफल कहानी में यह विशेष रूप से उभरता है कि पुन:-पंजीकृत मामला केवल 10 दिनों में समाप्त हो गया, जिसने श्रीमती मीरा सिंह  के वित्तीय अनिश्चितता के वर्षों की प्रतीक्षा को समाप्त किया।

निष्कर्ष:

Smt. Meera Singh की असुलझी शिकायत से उसके मामले का सफल समाधान तक का सफर एक प्रभावी फ़ीडबैक कॉल सेंटर और पोर्टल की दक्षता का एक उदाहरण है। यह सफल कहानी न केवल सिस्टम की सजगता को हाइलाइट करती है बल्कि उन अन्यों के लिए एक आशा का दीपक भी है जो समान कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं। सार्वजनिक सेवा के टेपेस्ट्री में, इस तरह की कहानियाँ अधिक संवेदनशील और जवाबदेह शासन संरचना के निर्माण में लगातार प्रयासों और सुव्यवस्थित शिकायत निवारण तंत्र के महत्व को रेखांकित करती हैं।

Source: DoPPW Monthly Report

COMMENTS

WORDPRESS: 0