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Increasing strength of the Armed Forces

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF DEFENCE
RAJYA SABHA

QUESTION NO 461

ANSWERED ON 28.04.2015

Increasing strength of the Armed Forces

461 Dr. V. Maitreyan
Will the Minister of DEFENCE be pleased to satate :-

(a) whether Government has adequate strength (in terms of quantity and quality) in Army, Navy and Air Force in comparison to China, USA, Russia, UK and France;
(b) if so, the details thereof;

(c) whether Government is planning to increase its strength in Indian Army, Navy and Air Force to match with both China and Pakistan forces as well as with USA and UK;
(d) if so, the details thereof and funds earmarked for the same in the Twelfth Plan; and
(e) the steps taken by Government to create strategic centres in the Indian Ocean, Bay of Bengal and Arabian Sea to combat any aggression emanating from sea?

ANSWER
MINISTER OF DEFENCE (SHRI MANOHAR PARRIKAR)

(a) to (e): A statement (available in Hindi only) is attached.

******

भारत सरकार
रक्षा मंत्रालय
रक्षा विभाग
राज्य सभा

अतारांकित प्रश्न संख्या 461
28 अप्रैल, 2015 को उत्तर के लिए

सशस्त्र बलों की बढ़ती संख्या

461. डा0 वी0 मैत्रेयन:
क्या रक्षा मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) क्या चीन, अमेरिका, यू.के. और फ्रांस की तुलना में सरकार के पास पर्याप्त थल, जल और वायु सेना संख्या (मात्रा और गुणवत्ता के मामले में) है;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ग) क्या सरकार चीन और पाकिस्तान तथा साथ ही साथ अमेरिका और यू.के. के सैन्य बलों के बराबर भारतीय थल, जल और वायु सेना में संख्या बल बढ़ाने की योजना बना रही है;

(घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा तथा इनके लिए बारहवीं पंचवर्षीय योजना में निर्धारित की गई राशियों का ब्यौरा क्या है; और

(ड.) सरकार ने समुद्र से होने वाले किसी भी आक्रमण से निपटने के लिए हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में युद्धनीतिक केन्द्र बनाने के लिए क्या-क्या कदम उठाए हैं ?

उत्तर

रक्षा मंत्री (श्री मनोहर पर्रीकर)

(क) से (ड.): एक विवरण संलग्न है ।

सशस्त्र बलों की बढ़ती संख्या के बारे में राज्य सभा में 28 अप्रैल, 2015 को उत्तर दिए जाने के लिए अतारांकित प्रश्न सं. 461 के भाग (क) से (ड.) के उत्तर में उल्लिखित विवरण

(क) से (घ): सशस्त्र सेनाओं की संख्या का निर्धारण क्षेत्रों में खतरों और मौजूदा प्रौद्योगिकीय परिवेश को समुचित ध्यान में रखकर किया जाता है तथा समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाती है ।

सुरक्षा परिवेश तथा प्रौद्योगिकी को ध्यान में रखकर आवधिक समीक्षाएं की जाती हैं और सशस्त्र सेनाओं का आधुनिकीकरण दीर्घकालिक संदर्शी योजना (एलटीपीपी) में निर्धारित रूपरेखा के अनुसार किया जाता है, जिसमें सशस्त्र सेनाओं द्वारा 15 वर्ष की अवधि में प्राप्त की जाने वाली क्षमताओं की आवश्यकता विनिर्दिष्ट की जाती है ।

(ड.) भारतीय नौसेना राष्ट्रीय हित के क्षेत्रों की निरंतर मॉनिटरी करती है और हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में समुद्री सुरक्षा परिवेश का नियमित मूल्यांकन करती है । इस संबंध में किए गए बहुत से उपायों में नौसेना तथा तटरक्षक परिसम्पतियों की तैनाती के जरिए हमारे तटों की निगरानी, हिंद महासागर क्षेत्र के छोटे द्वीप राज्यों के ईईजैड की निगरानी, अंतराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर समन्वित गश्त तथा विदेशी समुद्रतटों पर नौसेना यूनिटों की आवधिक तैनाती शामिल हैं ।

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Source: HINDI_VERSION

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