8वां वेतन आयोग: क्या सरकार देगी ‘अंतरिम राहत’ और DA मर्जर की सौगात? लोक सभा में उठेगा बड़ा सवाल
दिनांक: 28 नवंबर, 2025 (staffnews.in) केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आज की सबसे बड़ी चर्चा का विषय संसद का आगामी शीतकालीन सत्र है। सोमवार, 1 दिसंबर 2025 को लोकसभा में वित्त मंत्रालय के सामने एक ऐसा प्रश्न आने वाला है, जो सीधे तौर पर लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की जेब और भविष्य से जुड़ा है।
जैसा कि हम जानते हैं, सरकार ने 28 अक्टूबर 2025 (तारीख प्रश्न के संदर्भ अनुसार) को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की औपचारिक घोषणा कर दी है। लेकिन आयोग का गठन केवल पहला कदम है। असली सवाल यह है कि बढ़ती महंगाई के बीच कर्मचारियों को तुरंत क्या मिलेगा?
इसी मुद्दे को उठाते हुए लोकसभा सांसद श्री आनंद भदौरिया ने अतारांकित प्रश्न संख्या 212 के माध्यम से सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है 1 दिसंबर का दिन?
वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में अक्सर 1.5 से 2 साल का समय लगता है। पिछले 30 सालों में महंगाई के ग्राफ को देखते हुए, कर्मचारी यूनियनें यह मांग कर रही हैं कि उन्हें आयोग की रिपोर्ट आने तक इंतज़ार न कराया जाए, बल्कि ‘अंतरिम राहत’ (Interim Relief) प्रदान की जाए।
साथ ही, एक बड़ी मांग यह भी है कि मौजूदा महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) को मूल वेतन (Basic Pay) में मिला दिया जाए (Merger of DA), क्योंकि वर्तमान डीए की दरें वास्तविक खुदरा महंगाई (Real-time Retail Inflation) की मार को कम करने में नाकाफी साबित हो रही हैं।
लोकसभा प्रश्न संख्या 212: एक नज़र
1 दिसंबर 2025 को पूछे जाने वाले इस प्रश्न के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- आयोग का गठन: क्या सरकार ने आधिकारिक तौर पर अधिसूचना जारी कर दी है और उसका ब्यौरा क्या है?
- डीए/डीआर का विलय (Merger): क्या सरकार मौजूदा डीए/डीआर को मूल वेतन में मिलाने पर विचार कर रही है?
- अंतरिम राहत (Interim Relief): क्या सरकार उन कर्मचारियों/पेंशनर्स को तुरंत राहत देगी जो भीषण महंगाई का सामना कर रहे हैं?
- महंगाई का तर्क: प्रश्न में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कर्मचारियों को दिया जा रहा डीए, ‘वास्तविक समय की खुदरा महंगाई’ से मेल नहीं खाता है।
विशेष नोट: यह प्रश्न सरकार पर दबाव बनाता है कि वह केवल आयोग के गठन तक सीमित न रहे, बल्कि कर्मचारियों की तत्काल आर्थिक समस्याओं का समाधान भी करे।
कर्मचारियों की चिंता: आंकड़ों और हकीकत में अंतर
सांसद श्री भदौरिया द्वारा उठाया गया मुद्दा बेहद वाजीब है। सरकारी आंकड़ों में महंगाई दर और एक आम कर्मचारी द्वारा बाज़ार में महसूस की जाने वाली महंगाई (खुदरा महंगाई) में भारी अंतर है।
- 30 सालों का दर्द: प्रश्न में उल्लेख किया गया है कि पिछले 30 सालों में महंगाई ने कमर तोड़ दी है।
- डीए की अपर्याप्तता: जो डीए मिलता है, वह तकनीकी फार्मूले पर आधारित है, जो अक्सर ज़मीनी हकीकत से दूर होता है। इसलिए, ‘अंतरिम राहत’ की मांग केवल एक भत्ता नहीं, बल्कि एक ज़रूरत है।
क्या उम्मीद करें?
सोमवार को वित्त मंत्री द्वारा दिए जाने वाले लिखित उत्तर से यह साफ़ हो जाएगा कि:
- क्या सरकार 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट आने से पहले कोई ‘अंतरिम राहत’ (IR) देने के मूड में है?
- क्या 50% से अधिक डीए होने पर उसे बेसिक में मर्ज करने की पुरानी परंपरा या मांग को सरकार स्वीकार करेगी?
सभी की निगाहें 1 दिसंबर 2025 को लोकसभा की कार्यवाही और इस लिखित उत्तर पर टिकी रहेंगी। हम आपको इस उत्तर का विस्तृत विश्लेषण सोमवार को उपलब्ध कराएंगे।
आपकी राय: क्या आपको लगता है कि सरकार को वेतन आयोग की रिपोर्ट का इंतज़ार किए बिना तुरंत डीए मर्ज कर देना चाहिए? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर लिखें।
लोक सभा
लिखित उत्तर हेतु प्रश्न-सूची
सोमवार, 1 दिसंबर , 2025/10 अग्रहायण, 1947 (शक)
आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन
212. श्री आनंद भदौरिया:
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या सरकार ने हाल ही में आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन के लिए अधिसूचना जारी की है;
(ख) यदि हाँ, तो इसका ब्यौरा क्या है;
(ग) कया सरकार उन सरकारी कर्मचारियों/पेंशनर्स को तुरंत राहत प्रदान करने के लिए मौजूदा डीए/डीआर को मूल वेतन में मिलाने का विचार रखती है जो पिछले 30 सालों से बहुत ज़्यादा महंगाई का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इन कर्मचारियों को दिया गया डीए/डीआर वास्तविक समय खुदरा महंगाई के हिसाब से नहीं है;
(घ) यदि हाँ, तो इसका ब्यौरा क्या है; और
(ड) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
View/Download the PDF

COMMENTS
ye to employee ke sath jyadati ho rhi h gov. ko apne employees ka hit jaroor dekhna chahie sabhi employee inflation ko nahi jhel pa rhe h gov. ne 7th cpc me ek Anukool badhotri ki thi ummeed YHI h ki is baar bhi gov. employees ko nirash nhi kregi. employee hi khush na rah paya to phir desh ka kya hoga.
Bilkul DA ko pension mein marj kar dena chahie Fauji aadami 20 tarikh ke bad apni pension ka intezar karta hai kyunki Aaj mahangai itni ho gai hai ki pension se uska gujara nahin Ho Pa raha hai