Prohibiting the retired officers from writing about their department सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा अपने विभाग के बारे लिखे जाने पर प्रतिबंध – CCS Pension Amendment Rules सीसीएस (पेंशन) संशोधन नियम

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Prohibiting the retired officers from writing about their department सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा अपने विभाग के बारे लिखे जाने पर प्रतिबंध – CCS Pension Amendment Rules सीसीएस (पेंशन) संशोधन नियम

Prohibiting the retired officers from writing about their department सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा अपने विभाग के बारे लिखे जाने पर प्रतिबंध – CCS Pension Amendment Rules सीसीएस (पेंशन) संशोधन नियम

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PERSONNEL AND TRAINING)

RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 427
(TO BE ANSWERED ON 22.07.2021)

CENTRAL CIVIL SERVICES (PENSION) AMENDMENT RULES, 2020

427 DR. SANTANU SEN:

Will the PRIME MINISTER be pleased to state:

(a) whether the Ministry has consulted different stakeholders while bringing in the Central Civil Services (Pension) Amendment Rules, 2020 through which a condition of ‘good conduct’ has been added in Rule 8 prohibiting the retired officers from writing about their department;

(b) if so, the details thereof and if not, the reasons therefor; and

(c) the detailed rationale behind taking such decision?

ANSWER

MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE (DR. JITENDRA SINGH)

(a): Stakeholders were consulted while amending Rule 8 of Central Civil Services (Pension) Amendment Rules, 2021 [Vide Corrigendum dated 01.07.2021 notified in The Gazette of India, 2020 replaced with 2021]. The condition of good conduct already exists in the CCS (Pension) Rules.

(b): The Intelligence or Security Organizations included in the Second Schedule of the Right to Information Act, 2005, were consulted through administrative Ministry / Department.

(c): Prior to amendment, it was upto the concerned official to decide whether the published material falls in the prescribed prohibited categories or not. In case, the official feels that the material he is going to publish does not fall in the prohibited category then he could publish the material without any prior approval of the Government. Later on, in case Government comes to a conclusion that the published material comes / falls under the category of prohibited material, a loss to the country would have already happened. To prevent such situations, the current amendment has been made.


भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
राज्य सभा

अतारांकित प्रश्न संख्या: 427

(दिनांक 22.07.2021 को उत्तर के लिए)

केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2020

427 : डा. सांतनु सेन:
क्या प्रधानमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) कया केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2020 लाने के दौरान विभिन्‍न हितधारकों से परामर्श किया गया है जिसके माध्यम से नियम 8 में ‘अच्छे आचरण’ की शर्त जोड़ी गई है जिसमें सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा अपने विभाग के बारे में लिखे जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं; और

(ग) ऐसा निर्णय लेने के पीछे तर्क क्या है?

उत्तर

कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (डॉ. जितेन्द्र सिंह)

(क): केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2020 [भारत के राजपत्र में अधिसूचित दिनांक 01.07.2021 के शुद्धिपत्र के माध्यम से 2020 की जगह 2021 प्रतिस्थापित किया गया] के नियम 8 में संशोधन करते समय हितधारकों से विचार-विमर्श किया गया। सीसीएस (पेंशन) नियमों में अच्छे आचरण की शर्त पहले से ही मौजूद है।

(ख): सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की दूसरी अनुसूची में सम्मिलित आसूचना अथवा सुरक्षा संगठनों से प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग के माध्यम से परामश किया गया।

(ग): संशोधन से पूर्व, संबंधित अधिकारी द्वारा यह निर्णय लिया जाता था कि क्‍या प्रकाशित सामग्री निर्धारित प्रतिबंधित श्रेणियों में आती है अथवा नहीं। अगर, अधिकारी यह महसूस करता है कि जो सामग्री वह प्रकाशित करने वाला है, वह प्रतिबंधित श्रेणी में नहीं आती, तो वह सरकार से बिना कोई पूर्व अनुमोदन लिए सामग्री को प्रकाशित कर सकता है। बाद में, अगर सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि प्रकाशित सामग्री प्रतिबंधित सामग्री की श्रेणी के तहत आती है, तो इससे देश को पहले ही काफी हानि हो चुकी होती है। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए, वर्तमान संशोधन किया गया है।

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