रिक्तियों की सटीक संख्या की रिपोर्ट करने और न्यायालय के निदेशों के आधार पर नियुक्त किए जाने वाले उम्मीदवारों का समायोजन: डीओपीटी

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रिक्तियों की सटीक संख्या की रिपोर्ट करने और न्यायालय के निदेशों के आधार पर नियुक्त किए जाने वाले उम्मीदवारों का समायोजन: डीओपीटी

रिक्तियों की सटीक संख्या की रिपोर्ट करने और न्यायालय के निदेशों के आधार पर नियुक्त किए जाने वाले उम्मीदवारों के समायोजन की आवश्यकता: डीओपीटी कार्यालय ज्ञापन दिनाकं 03.11.2023

संख्या 39020/07/2023-पीपी.(बी)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)

नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली
दिनांक: 03 नवंबर, 2023

कार्यालय ज्ञापन

विषय: रिक्तियों की सटीक संख्या की रिपोर्ट करने और न्यायालय के निदेशों के आधार पर नियुक्त किए जाने वाले उम्मीदवारों के समायोजन की आवश्यकता।

English: Need for reporting accurate number of vacancies and adjustment of candidates to be appointed based on court directions: DoP&T OM

अधोहस्ताक्षरी को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के दिनांक 13.07.1979 के का. ज्ञा. संख्या 39018/4/79-स्था. ख और दिनांक 26.02.1981 के का. ज्ञा. संख्या 24012/34/80-स्‍था. ख की ओर ध्यान आकर्षित करने का निदेश हुआ है, जिसमें मंत्रालयों/विभागों को उनके द्वारा रिक्तियों के सटीक मूल्यांकन और भर्ती एजेंसियों को रिपोर्टिंग करने के संबंध में निदेश जारी किए गए थे।

2. हाल ही में, यह देखा गया है कि कुछ भर्ती एजेंसियों को उन उम्मीदवारों को समायोजित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिनके डोजियर मांग करने वाले विभागों द्वारा इस आधार पर लौटा दिए गए हैं कि उनके पास रिक्ति मौजूद नहीं है, यद्यपि डोजियर उन्हें रिक्तियों की रिपोर्टिंग के समय प्राप्त मांग में परिलक्षित उनकी आवश्यकता के आधार पर भजे गए थे।

3. यह भी देखा गया है कि कुछ मामलों में न्यायालयों ने भर्ती एजेंसियों को उम्मीदवारों की उम्मीदवारी पर पुनर्विचार करने (जिसे कुछ आधारों पर पहले निरस्त कर दिया गया था) और तदनुसार परिणाम को संशोधित करने के निदेश जारी किए हैं। ऐसे मामलों में, भर्ती एजेंसियों के पास ऐसे उम्मीदवारों की उम्मीदवारी पर विचार करने और उम्मीदवारों के रैंक और उनके द्वारा दिए गए विकल्प के आधार पर उनके डोजियर को मांगकर्ता विभाग में से एक को भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। तथापि, संबंधित विभाग अपने पास रिक्तियों की अनुपलब्धता के आधार पर इन डोजियरों को स्वीकार करने से इनकार कर देता है। तदनुसार, भर्ती एजेंसियों को ऐसे उम्मीदवारों को समायोजित करने में कठिनाई होती है, जिसके परिणामस्वरूप न्यायालय के निदेशों की अवमानना होती है और इसके परिणामस्वरूप, उच्च प्राधिकारियों द्वारा अवमानना नोटिस प्राप्त होते हैं।

4. इस संबंध में, यह नोट किया जाए कि भर्ती एजेंसियां, मांग करने वाले विभागों द्वारा दिए गए अनुरोध के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करती हैं। तदनुसार, चयनित उम्मीदवारों का नामांकन उम्मीदवार की योग्यता और वरीयता को ध्यान में रखते हुए मांगकर्ता विभागों (उनके द्वारा सूचित रिक्तियों के आधार पर) को भेजा जाता है। इसके पश्चात, भर्ती एजेंसियों की भूमिका समाप्त हो जाती है। इसलिए, संबंधित मंत्रालय/विभाग, उनके द्वारा दिए गए अनुरोध के अनुसार, एसएससी द्वारा डोजियर भजे जाने के पश्चात, जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। इसके अलावा, यदि किसी उम्मीदवार को न्यायालय के निदेशों पर नियुक्त किया जाना है, तो यह कार्य भर्ती एजेंसियों द्वारा मांगकर्ता विभागों के सहयोग के बिना स्वयं नहीं किया जा सकता है।

5. उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए, सभी मंत्रालय/विभाग निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:

  1. मंत्रालय/विभाग, भर्ती एजेंसियों द्वारा परिणाम को अंतिम रूप देने।घोषित करने से उचित समय पूर्व भर्ती एजेंसियों को रिक्तियों की संख्या की पुन: पुष्टि कर सकते हैं। मंत्रालयों।विभागों द्वारा रिक्तियों की पुन: पुष्टि किए जाने के पश्चात, यह उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे ऐसे रिक्त पदों के लिए चयनित उम्मीदवारों को समायोजित करें। प्रयोक्‍ता मंत्रालयों/विभागों द्वारा अंतिम रूप से सूचित की गई रिक्तियों को परीक्षा का परिणाम घोषित होने के पश्चात परिवर्तित किया/बदला नहीं जा सकता है।
  2. मंत्रालय/विभाग, न्यायालयों के निदेशों/आदेशों के कार्यान्वयन के लिए समान रूप से उत्तरदायी हैं। इस प्रकार, वे न्यायालय के निदेशों को लागू करते समय भर्ती एजेंसियों को पूरा सहयोग दे सकते हैं। मंत्रालय/विभाग किसी और मुकदमेबाजी से बचने के लिए रिक्ति की अनुपलब्धता आदि की दलील पर भर्ती एजेंसी को डोजियर वापस करने के बजाय, न्यायालय के आदेशों के आधार पर नामांकित उम्मीदवारों को अपने रोस्टर के अनुसार उपलब्ध/भावी रिक्तियों के समक्ष समायोजित कर सकते हैं।
  3. यदि किसी मंत्रालय/विभाग/संगठन को किसी अन्य मंत्रालय/विभाग/संगठन के प्रशासनिक नियंत्रण में बंद, पुनर्गठित या अंतरित किया जाता है तो उसका उत्तराधिकारी/प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग डोजियर स्वीकार कर सकता है। यदि संगठनों का मंत्रालय स्तर तक का पूरा पदानुक्रम समाप्त हो जाता है, तो जिस मंत्रालय/विभाग को इसका कार्य हस्तांतरित किया गया है, वह डोजियर स्वीकार कर सकता है। इसके अलावा, निकट भविष्य में समाप्त किए जाने वाले प्रस्तावित विभागों/संगठनों को भविष्य की परीक्षाओं के लिए रिक्तियों की सूचना देने से बचना चाहिए।

(एसपी पंत)
निदेशक (कार्मिक नीति-II)
दूरभाष संख्या: 2309 3074

सेवा में,
भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग

प्रतिलिपि निम्नलिखित को भी प्रेषित:
1. सचिव, संघ लोक सेवा आयोग, धौलपुर हाउस, शाहजहां रोड, नई दिल्ली
2. अध्यक्ष, कर्मचारी चयन आयोग, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड, नई दिल्ली

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