8th Pay Commission Terms of Reference: केंद्रीय बलों द्वारा संदर्भ शर्तों पर सुझाव 3 फरवरी तक आमंत्रित
8th Pay Commission: वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों पर केंद्रीय बल देंगे सुझाव, 3 फरवरी तक भेजनी है कॉपी
Pay Commission: केंद्र सरकार ने 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी। आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2026 से लागू होनी हैं। कर्मचारी संगठनों के नेताओं का कहना था कि अतीत में ऐसा कम ही देखने को मिलता है, जब आयोग के गठन और उसकी रिपोर्ट को लागू करने में दो वर्ष से कम वक्त लगा हो।
केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है। अब वित्त मंत्रालय ने आठवें वेतन आयोग की संभावित संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुझाव मांगे हैं। गृह मंत्रालय ने भी इस बाबत, दो फरवरी तक सभी केंद्रीय बलों से सुझाव देने के लिए कहा है। केंद्रीय बल, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल को अपने सुझाव में उचित स्पष्टीकरण तथा दस्तावेजों सहित विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी। यह रिपोर्ट सॉफ्ट और हार्ड कॉपी में देनी है। विभिन्न बलों के कार्यालयों से प्राप्त रिपोर्ट, संबंधित फोर्स के महानिदेशक द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। वहां से यह रिपोर्ट वित्त मंत्रालय के पास पहुंचेगी। दूसरी तरफ इन बलों के जवानों द्वारा पुरानी पेंशन बहाली ‘ओपीएस’ की मांग उठाई जा रही है।
बता दें कि संदर्भ की शर्तें किसी भी आयोग के गठन एवं उसके कामकाज के लिए एक आधारशिला का काम करती हैं। आयोग द्वारा विभिन्न घटकों के साथ-साथ बातचीत करना, उसकी सीमा और तरीका क्या होगा, ये सब बातें तय की जाती हैं। ठोस संदर्भ शर्तों के जरिए किसी नियोक्ता को जानकारी इकट्ठा करने और कार्यस्थलों की समस्या को समझने में मदद मिलती है। संदर्भ की शर्तें, विस्तृत रिपोर्ट तैयार के लिए एक उत्कृष्ट ग्राउंड प्रदान करती हैं। इस तरह की शर्तों में वार्ता का उद्देश्य और संरचना को परिभाषित करना भी शामिल होता है।
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी। आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2026 से लागू होनी हैं। कर्मचारी संगठनों के नेताओं का कहना था कि अतीत में ऐसा कम ही देखने को मिलता है, जब आयोग के गठन और उसकी रिपोर्ट को लागू करने में दो वर्ष से कम वक्त लगा हो। पहले यह होता था कि वेतन आयोग के सदस्य, विभिन्न तरह की जानकारी एकत्रित लेने के लिए विदेशों के टूर करते थे। कई देशों के कर्मचारी संगठनों का वेतनमान देखा जाता था। अध्ययन भ्रमण में बहुत समय लगता था।
अब सब कुछ डिजिटल हो गया है। किसी भी देश के कर्मचारियों के वेतनमान से जुड़ी जानकारी आनलाइन मिल सकती है। दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था एवं वित्त मंत्रालयों के नए कदमों का अध्ययन भी डिजिटल माध्यम से हो सकता है। ऐसे में संभव है कि इस बार कम समय लगे। दो दशक पहले डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान वेतन आयोग के गठन से लेकर उसे लागू करने तक, इस प्रक्रिया में 18 महीने लगते थे। उससे पहले दो साल लगते थे। इस बार केंद्र सरकार को आयोग के गठन से लेकर उसकी सिफारिशें पर विचार करना और उन्हें लागू करना, सब एक वर्ष के भीतर ही करना है।
‘अलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन’ के अलावा विभिन्न केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने इन बलों में पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए आवाज उठाई है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के उन 11 लाख जवानों/अधिकारियों को इस साल भी राहत नहीं मिल सकी है। इन बलों में ‘पुरानी पेंशन’ बहाली का मुद्दा, गत वर्ष लगातार चर्चा में रहा था। संसद सत्र में भी यह मुद्दा उठाया गया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक अहम फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ‘सीएपीएफ’ को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ माना था। हाईकोर्ट ने इन बलों में लागू ‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, चाहे कोई आज इन बलों में भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे। केंद्र सरकार ने इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया था।
Source: Amar Ujala
[https://www.amarujala.com/india-news/central-forces-will-give-suggestions-on-terms-of-reference-of-pay-commission-copy-sent-by-february-3-2025-01-30]
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