8वां केंद्रीय वेतन आयोग – गठन और संदर्भ शर्तों पर संकल्प: राजपत्र अधिसूचना दिनांक 03.11.2025
वित्त मंत्रालय
(व्यय विभाग)
संकल्प
नई दिल्ली, 3 नवम्बर, 2025
फा. सं. 01/01/2025- ई.III(ए).–भारत सरकार ने आठवें केंद्रीय वेतत आयोग का गठन करने का निर्णय लिया है, जो निम्नानुसार हैः-
- अध्यक्ष – श्रीमती न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई
- सदस्य (अंशकालिक) – प्रो. पुलक घोष
- सदस्य-सचिव – श्री पंकज जैन
2. आयोग के विचारार्थ विषय निम्नलिखित होंगे:
(क) कर्मचारियों की निम्नलिखित श्रेणियों के संबंध में विभिन्न विभागों, एजेंसियों एवं सेवाओं की युक्तिसंगतता, समकालीन कार्यात्मक आवश्यकताओं और विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वेतन, भत्ते एवं अन्य सुविधाओं/लाभों नकद अथवा वस्तु के रूप में सहित परिलब्धियों की जांच करना तथा वांछनीय और व्यवहार्य परिवर्तनों की सिफारिश करना:
(i) केन्द्र सरकार के कर्मचारी – औद्योगिक एवं गैर-औद्योगिक:
(ii) अखिल भारतीय सेवाओं से संबंधित कार्मिक;
(iii) रक्षा बलों से संबंधित कार्मिक;
(iv) संघ राज्य क्षेत्रों के कार्मिक;
(v) भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी:
(vi) संसद के अधिनियमों के तहत गठित नियामक निकायों (आरबीआई को छोड़कर) के सदस्य;
(vii) उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारी;
(viii) उच्च न्यायालयों के अधिकारी और कर्मचारी जिनपर होने वाला व्यय संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा वहन किया जाता है; और
(ix) संघ राज्य क्षेत्रों में अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारी।
[टिप्पणी: न्यायिक अधिकारियों के संबंध में, आयोग अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ और अन्य बनाम केन्द्र सरकार और अन्य मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 24 अगस्त, 1993 के अपने दिए गए निर्णय में प्रतिपादित सिद्धांत का अनुपालन करेगा, अर्थात् न्यायाधीशों एवं प्रशासनिक कार्यपालिका की सेवा शर्तों के बीच कोई संबंध नहीं होगा और कि न्यायाधीश की सेवा शर्तों को न्यायपालिका की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करना होगा॥।
(ख) सरकारी सेवा में प्रतिभाओं को आकर्षित करने, कार्य प्रणाली में दक्षता, जवाबदेही और उतरदायित्व को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल परिलब्धि संरचना तैयार करना।
(ग) निष्पादन और उत्पादकता में सुधार करने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए बोनस की वर्तमान योजनाओं की जांच करना तथा उत्पादकता और निष्पादन में उत्कृष्टता को पुरस्कृत करने के लिए सामान्य सिद्धांतों, वित्तीय मापदंडों, उत्पादकता और निष्पादन संबंधी मापदंडों पर सिफारिशें करना।
View in English: 8th Central Pay Commission – Resolution on Constitution and Terms of Reference: Gazette Notification
(घ) मौजूदा भत्तों और उनकी स्वीकार्यता की शर्तों की समीक्षा करना तथा भत्तों की बहुलता को ध्यान में रखते हुए उनके युक्तिकरण की सिफारिश करना ।
(ड.)
(i) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एकीकृत पेंशन योजना सहित) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों की मृत्यु – सह- सेवानिवृत्ति ग्रेच्यूटी की समीक्षा और उस पर सिफारिशें करना।
(ii) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एकीकृत पेंशन योजना सहित) के अंतर्गत न आने वाले कर्मचारियों की मृत्यु – सह – सेवानिवृत्ति ग्रेच्यूटी और पेंशन की समीक्षा करना तथा नीचे दिए गए पैरा च(iii) को ध्यान में रखते हुए उन पर सिफारिशें करना।
(च) निम्नलिखित को ध्यान में रखते हुए उपर्युक्त के संबंध में सिफारिशें करना:
-
- देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय विवेक की आवश्यकता;
- यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता कि विकासात्मक व्यय एवं कल्याणकारी उपायों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहें;
- गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं की गैर-वित्तपोषित लागत;
- उन राज्य सरकारों जो साधारणत: कुछ संशोधनों के साथ इन सिफारिशों को अंगीकार करते हैं,की वित्त व्यवस्था पर इन सिफारिशों के संभावित प्रभाव; और
- केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध प्रचलित परिलब्धि संरचना, लाभ और कार्य परिस्थितियां;
3. आयोग अपनी कार्यप्रणाली स्वयं विकसित करेगा और ऐसे सलाहकारों, संस्थागत परामर्शदाताओं और विशेषज्ञों को नियुक्त कर सकता है जिन्हें यह आयोग किसी प्रयोजन विशेष के लिए आवश्यक समझे। यह आयोग ऐसी सूचना और ऐसे साक्ष्य ले सकता है जिन्हें यह आवश्यक समझे। भारत सरकार के मंत्रालय और विभाग आयोग द्वारा मांगी जाने वाली कोई सूचना और दस्तावेज तथा अन्य सहायता उपलब्ध कराएंगे। भारत सरकार का यह विश्वास है कि राज्य सरकारें, सेवा संघ तथा अन्य संबंधित पक्ष, आयोग को अपना संपूर्ण सहयोग और सहायता प्रदान करेंगे।
4. आयोग का मुख्यालय दिल्ली में होगा।
5. आयोग, अपने गठन की तारीख से 18 माह की समयावधि के अंदर अपनी सिफारिशें देगा। आयोग, सिफारिशों को अंतिम रूप दिए जाने के पश्चात्, किसी भी मामले पर, आवश्यकता पड़ने पर अंतरिम रिपोर्ट भेजने पर विचार कर सकता है।
वी. वुअलनाम, सचिव
आदेश
आदेश दिया जाता है कि इस संकल्प को भारत के राजपपत्र में प्रकाशित किया जाए।
यह भी आदेश दिया जाता है कि इस संकल्प की एक प्रति भारत सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासनों और अन्य सभी संबंधितों को प्रेषित की जाए।
वी. वुअलनाम, सचिव
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COMMENTS
आजतक जो भी वेतन आयोग लागू हुआ उसमें अफसरों को फायदा दिया गया है। उदाहरण सेना का ले ले। सिपाही नायक हवलदार रैंक जवानों का कोई फायदा नहीं दिया । सेना के अफसरों को ज्यादा लाभ दिया। वेतन आयोग की कमेटी में जवान स्तर का सदस्य को सम्मिलित भी नहीं करते हैं इस कमेटी में सेना के अधिकारी को सम्मिलित करते हैं वह अधिकारियों की बात रखता है जवानों की कोई बात नहीं रखी जाती है इसलिए सेना के अधिकारियों को ज्यादा लाभ मिलता है और सेना में अफ़सर और जवानों के बीच बहुत बड़ा अंतर है। मिलिट्री सर्विस बेनक़ाब भी बहुत बड़ा अंतर पिछले पे कमीशन में डाल दिया गया था जिसकी कोई सुनवाई नहीं हुई कृपया इस बार जो मतभेद थे उन्हें सही किया जाए तो इसे ही रहेगा
🙏
પ્રાઇવેટ કંપનીઓ, અને શોરૂમ નાની દુકાનો,નાની ફેક્ટરીમાં, કડિયા કામ, કલરકામ, મકાન બાંધકામ સાથે સંકળાયેલા મજુર ખેતીવાડીસાથે સંકળાયેલા મજુર, વગેરેને પણ ધ્યાન રાખી યોજનાઓ બનાવો માત્ર પરચુરણ ફેકી રાજી ન કરો આ લોકો પણ સારી જિંદગી જીવે તેવું કામ કરો
आजतक जो भी वेतन आयोग लागू हुआ उसमें अफसरों को फायदा दिया गया है। उदाहरण सेना का ले ले। सिपाही नायक हवलदार रैंक जवानों का कोई फायदा नहीं दिया । सेना के अफसरों को ज्यादा लाभ दिया। वेतन आयोग की कमेटी में जवान स्तर का सदस्य को सम्मिलित भी नहीं करते हैं इस कमेटी में सेना के अधिकारी को सम्मिलित करते हैं वह अधिकारियों की बात रखता है जवानों की कोई बात नहीं रखी जाती है इसलिए सेना के अधिकारियों को ज्यादा लाभ मिलता है
भारत सरकारच्या कर्मचाऱ्यांना आणि पेन्शनधारकांना जवळजवळ एक वर्ष वाट पाहावी लागली आहे. आता सर्वांना १८ महिन्यांनंतर सूर्योदय पाहण्याची उत्सुकता आहे.
Thanks Sir and government of republic Bharat