लॉकडाउन के कारण रेल मंत्रालय द्वारा वेतन में कटौती का दावा झूठा: PIBFastCheck

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लॉकडाउन के कारण रेल मंत्रालय द्वारा वेतन में कटौती का दावा झूठा: PIBFastCheck

लॉकडाउन के कारण रेल मंत्रालय द्वारा वेतन में कटौती का दावा झूठा: PIBFastCheck

PIB Fast Check के माध्‍यम से भारत सरकार ने उस दावे को झूठा बताया है जिसमें कहा जा रहा था कि लॉकडाउन के कारण, रेल मंत्रालय के द्वारा 13 लाख से ज्यादा अधिकारियो और कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने की योजना बनाई जा रही है।

 

दावा : लॉकडाउन के कारण, रेल मंत्रालय के द्वारा 13 लाख से ज्यादा अधिकारियो और कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कटौती करने की योजना बनाई जा रही है|

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तथ्य : यह दावा झूठ है| रेल मंत्रालय द्वारा ऐसी कोई भी योजना नहीं बनाई जा रही|

 

दावा : लॉकडाउन के कारण, रेल मंत्रालय के द्वारा 13 लाख से ज्यादा अधिकारियो और कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने की योजना बनाई जा रही है।

तथ्य : यह दावा झूठ है। रेल मंत्रालय द्वारा ऐसी कोई भी योजना नहीं बनाई जा रही|

स्‍वयं रेल मंत्री श्री पियुष गोयल ने भी इस तथ्‍य की जॉंच को Retweet करते हुए PIB Fast Check की सूचना की पुष्टि की है।

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रेल मंत्री का ट्वीट देखें

इस संबंध में क्‍या दावा किया गया था, इसके लिए अमर  उजाला द्वारा प्रकाशित समाचार यहॉं पुन: प्रस्‍तुत किया जा रहा है:-

लॉकडाउन के चलते रेलवे को हो रहा नुकसान, 13 लाख कर्मचारियों के भत्ते में कटौती संभव
 
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Sat, 18 Apr 2020 12:10 PM IST

देश में तीन मई 2020 तक लॉ़कडाउन है। लॉकडाउन के चलते यात्री ट्रेनें बंद हैं, जिससे रेलवे को मोटा नुकसान हो रहा है। ऐसे में रेल मंत्रालय 13 लाख से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन व भत्ते में कटौती करने की योजना बना रहा है।

आर्थिक तंगी से गुजर रहा भारतीय रेलवे

योजना के तहत टीए, डीए सहित ओवर टाइम ड्यूटी के भत्तों को समाप्त किया जाएगा। इसके मुताबिक ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलने वाला भत्ता नहीं दिया जाएगा। रेलवे के अनुसार, ड्यूटी करने के लिए कर्मचारियों को भत्ता क्यों दिया जाए। लॉकडाउन की वजह से भारतीय रेलवे पहले ही गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा है।

भत्ते में 50 फीसदी तक कटौती संभव

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, ओवर टाइम ड्यूटी के लिए मिलने वाले भत्ते में 50 फीसदी कटौती हो सकती है। मेल-एक्सप्रेस के ड्राइवर और गार्ड को 500 किलोमीटर पर मिलने वाले 530 रुपये भत्ते में 50 फीसदी कमी का सुझाव है।

साथ ही रेलकर्मियों के वेतन में छह महीने तक कमी करने की सिफारिश की है। इसमें 10 फीसदी से 35 फीसदी तक की कटौती संभव है।

इतना ही नहीं, मरीज देखभाल, किलोमीटर समेत नॉन प्रैक्ट्रिस भत्ता में एक साल तक 50 फीसदी कटौती की जा सकती है। वहीं अगर कर्मचारी एक महीने ऑफिस नहीं आता है, तो परिवहन भत्ता 100 फीसदी कटा जा सकता है। इसके अतिरिक्त बच्चों के पढ़ाई भत्ता के लिए 28 हजार मिलते हैं, जिसकी समीक्षा होनी अभी बाकी है।

रेलवे को होगा 1490 करोड़ का घाटा

मालूम हो कि भारतीय रेलवे ने कहा है कि लॉकडाउन की बढ़ी हुई अवधि के दौरान यात्रा के लिए बुक कराए गए टिकटों के पूरे पैसे वापस किए जाएंगे। 22 मार्च से 14 अप्रैल के बीच यात्रा के लिए बुक कराई गई 55 लाख टिकटों के लिए रेलवे 830 करोड़ रुपये की राशि यात्रियों को वापस करेगा। वहीं 15 अप्रैल से तीन मई के बीच यात्रा के लिए 39 लाख बुकिंग की गई थी। इससे रेलवे को राजस्व में करीब 660 करोड़ रुपये का घाटा होगा। यानी भारतीय रेलवे को राजस्व में कुल 1,490 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

 

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