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सरकारी कर्मियों के बोनस पर स्पष्टीकरण, पात्रता एवं शर्तें – Bonus 2018 Clarifications & Eligibility for benefit

सरकारी कर्मियों के बोनस पर स्पष्टीकरण, पात्रता एवं शर्तें – Bonus 2018  Clarifications & Eligibility for benefit 
संघ राज्य सरकारों, राज्य सरकारों सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में प्रतिनियुक्ति/बाह्य सेवा शर्तों पर कार्यरत कर्मचारी, पूर्णतः अस्थाई तदर्थ आधार पर नियुक्त कर्मचारी, 31 मार्च, 2018 से पहले सेवा से त्यागपत्र देने वाले, सेवानिवृत्त अथवा मृत कर्मचारी, केंद्र सरकार में प्रतिवर्ती प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार/ संघ राज्य प्रशासन/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के कर्मचारी, संविदा कर्मचारी के बोनस पर सम्बन्धी महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण.
Q.1. क्या निम्नलिखित वर्गों के कर्मचारी संबन्धित लेखा वर्ष के लिए तदर्थ बोनस लाभ के पात्र हैं?
  • कम से कम छह माह की अनवरत सेवा पूरी करने और 31 मार्च, 2018 को सेवा में होने के अधीन हैं.
(क) पूर्णतः अस्थाई तदर्थ आधार पर नियुक्त कर्मचारी.
  • जी हाँ, यदि सेवा में कोई व्यवधान न हो.
(ख) 31 मार्च, 2018 से पहले सेवा से त्यागपत्र देने वाले, सेवानिवृत्त अथवा मृत कर्मचारी. 
  • विशेष मामले के तौर पर केवल वही व्यक्ति जिन्होने 31 मार्च, 2018 से पहले अधिवर्षिता की आयु प्राप्त कर ली हो अथवा चिकित्सा आधार पर अशक्तता के कारण सेवानिवृत्त हुए हों अथवा जिनकी मृत्यु हुई हो किन्तु वर्ष के दौरान कम से कम छह माह की नियमित सेवा पूरी की हो, सेवा के महीनों की निकटतम संख्या के रूप में यथानुपात आधार पर तदर्थ बोनस के पात्र होंगे.
(ग) 31 मार्च, 2018 को राज्य सरकारों, संघ राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में प्रतिनियुक्ति/बाह्य सेवा शर्तों पर कार्यरत कर्मचारी.
  • ऐसे कर्मचारी प्रदाता विभागों द्वारा तदर्थ बोनस भुगतान के लिए पात्र नहीं हैं. ऐसे मामलों में तदर्थ बोनस के भुगतान की ज़िम्मेदारी आदाता संगठन में लागू तदर्थ बोनस/उत्पादकता संबद्ध बोनस/ अनुग्रही भुगतान/प्रोत्साहन भुगतान स्कीम यदि कोई हो, के आधार पर आदाता संगठन की होती है. 
(घ) ऐसे कर्मचारी जो लेखा वर्ष में उपर्युक्त ‘ग’ में उल्लिखित संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर बाह्य सेवा पर रहने के बाद प्रत्यावर्तित हुए हों.
  • बाह्य सेवा नियोक्ता से लेखा वर्ष के लिए प्राप्त कुल बोनस/अनुग्रही राशि और प्रत्यावर्तन के बाद भी अवधि के लिए केंद्र सरकार के कार्यालय से प्राप्त तदर्थ बोनस, यदि कोई हो, इन आदेशों के अनुसार तदर्थ बोनस के तहत देय राशि तक सीमित रखा जाएगा. 
(ङ) केंद्र सरकार में प्रतिवर्ती प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार/ संघ राज्य प्रशासन/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के कर्मचारी.
  • जी हाँ, इन आदेशों के अनुसार ये कर्मचारी आदाता विभागों के तदर्थ बोनस भुगतान के लिए पात्र हैं बशर्ते कि प्रतिनियुक्ति कि शर्तों के भाग के रूप में प्रतिनियुक्ति भत्ते के अलावा कोई अतिरिक्त प्रोत्साहन का भुगतान न किया जाता हो और प्रदाता प्राधिकारियों को कोई आपत्ति न हो। 
(च) अधिवर्षिता प्राप्त कर्मचारी, जिन्हें पुनर्नियोजित किया गया हो। 
  • चूंकि पुनर्नियोजित नया नियोजन होता है, इसलिए पुनर्नियोजित कि अवधि हेतु पात्रता कि अलग से गणना कि जाएगी; अधिवर्षिता से पहले कि अवधि और पुनर्नियोजन कि अवधि के लिए स्वीकार्य कुल राशि, यदि कोई हो, इन आदेशों के तहत तदर्थ बोनस के अंतर्गत अधिकतम स्वीकार्य राशि तक सीमित होगी.
(ज) संविदा कर्मचारी 
  • जी हाँ, यदि ऐसे कर्मचारी महंगाई भत्ते और अन्तरिम राहत जैसे लाभों के पात्र हैं. इन लाभों कि पात्रता न रखने वाले कर्मचारियों के वर्गों को तदर्थ बोनस के आदेशों के संदर्भ में नैमित्तिक श्रमिकों के समान समझा जाएगा. चूंकि अनुसंधान अध्येताओं को परिलब्धियां प्राप्त नहीं होती, अतः वे इस लाभ के पात्र नहीं हैं.
(झ) लेखा वर्ष के दौरान किसी भी समय निलंबित रहे कर्मचारी.
  • लेखा वर्ष में किसी अवधि के लिए निलंबित रहे किसी कर्मचारी को दिये गए निर्वाह भत्ते को परिलब्धि नहीं माना जा सकता। ऐसा कर्मचारी यदि निलंबन कि अवधि के लिए परिलब्धियों के लाभ सहित बहाल होता है तो वह तदर्थ बोनस के लाभ का पात्र हो जाता है, और अन्य मामलों में ऐसी अवधि को, अवेतन छुट्टी पर रहे कर्मचारियों के मामले कि तरह पात्रता के प्रयोजनार्थ शामिल नहीं किया जाएगा. 
(ञ) तदर्थ बोनस के आदेशों में शामिल किसी मंत्रालय/विभाग/कार्यालय से तदर्थ बोनस के आदेशों में शामिल भारत सरकार के अथवा संघ राज्यक्षेत्र सरकार के कार्यालय में अथवा किसी स्वायत्त निकाय में या इसके उलट वहाँ से स्थानांतरित कर्मचारी.
  • मंत्रालय/ विभाग/कार्यालय से किसी अन्य कार्यालय में, सेवा में व्यवधान के बगैर स्थानांतरित हुए कर्मचारी भिन्न-भिन्न संगठनों में संयुक्त सेवा अवधि के आधार पर पात्र होंगे. सीमित विभागीय अथवा खुली प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर एक संगठन से किसी दूसरे संगठन में नामित हुए कर्मचारी भी तदर्थ बोनस के पात्र होंगे। भुगतान केवल उसी संगठन द्वारा किया जाएगा जहां पर कर्मचारी 31 मार्च, 2018 को नियोजित था और पूर्व नियोक्ता के साथ कोई समायोजन आवश्यक नहीं होगा. 
(ट) तदर्थ बोनस के आदेशों में शामिल किसी सरकारी विभाग/संगठन से उत्पादकता सम्बद्ध बोनस स्कीम में शामिल किसी सरकारी विभाग/संगठन में स्थानांतरित आता इसके उलट वहाँ से स्थानांतरित कर्मचारी. 
  • ऐसे कर्मचारी को उस राशि में से, जिसका भुगतान उसे तदर्थ भुगतान के आदेशों में शामिल विभाग में सम्पूर्ण वर्ष के लिए परिलब्धियों के आधार पर किया जाता, उत्पादकता सम्बद्ध बोनस के रूप में देय राशि घटाकर भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार परिकलित राशि का भुगतान उस विभाग द्वारा किया जाएगा जहां वह कर्मचारी 31 मार्च, 2018 और/अथवा भुगतान के समय कार्य कर रहा था. 
(ठ) नामिक के नियत भुगतान पर कार्यरत अंशकालिक कर्मचारी.
  • पात्र नहीं है.

View: Various points regarding regulation of Ad-hoc / Non- PLB Bonus – Annexure of Ad-Hoc Bonus Order 2017-18


2. क्या तदर्थ बोनस निम्नलिखित मामलों में किसी लेखा वर्ष के लिए अनियत मजदूरों को देय है:-

(क) वो कर्मचारी जिन्होने उक्त लेखा वर्ष की समाप्ति के साथ समाप्त तीन वर्ष की अवधि में प्रत्येक वर्ष के दौरान विभिन्न कार्यालयों में विनिर्दिष्ट कार्यदिवसों की अवधि तक काम किया है। 
  • इस पात्रता की गणना उक्त लेखा वर्ष से पहले के तीन वर्षों के लिए उलटे क्रम में की जानी होती है. इन तीन वर्षों में से प्रत्येक वर्ष के 240 कार्यदिवसों की उस अवधि की गणना भारत सरकार के एक से अधिक कार्यालयों में किए गए कार्यदिवसों की संख्या को जोड़कर की जा सकती है जिसके लिए बोनस, अनुग्रही राशि अथवा प्रोत्साहन भुगतान न तो अर्जित किया गया हो और न ही प्रपट किया गया हो. 
(ख) वे अनियत मजदूर जो 31 मार्च, 2018 को कार्य पर मौजूद नहीं थे.
  • 31 मार्च, 2018 को सेवायोजन में रहने की शर्त, जैसा कि इन आदेशों में निर्धारित है, नियमित सरकारी कर्मचारियों पर लागू होती है न कि अनियत मजदूरों पर। 
(ग) वे कर्मचारी जिन्होने संगत लेखा वर्ष से पहले के दो वर्षों में प्रत्येक वर्ष के दौरान विनिर्दिष्ट कार्यदिवसों में कार्य किया है लेकिन संगत लेखा वर्ष में सेवायोजन में नियमित किए जाने के कारण कार्य दिवसों कि न्यूनतम अवधि पूरी नहीं कर पा रहे हैं.
  • यदि कोई अनियत मजदूर जिसे लेखा वर्ष में नियमित किया गया है, 31 मार्च, 2018 कि स्थिति के अनुसार छह माह कि न्यूनतम निरंतर सेवा पूरी नहीं करता और इसलिए उसे नियमित कर्मचारी के रूप में यह लाभ नहीं दिया जा सकता, उसे अनियत मजदूर का लाभ दिया जा सकता है बशर्ते कि उक्त वर्ष में नियमित सेवा की वह अवधि अनियत मजदूर के रूप में कार्य की अवधि में जोड़े जाने पर उस लेखा वर्ष में दिनों की न्यूनतम विनिर्दिष्ट संख्या बन जाती है.

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