Rate of Interest of EPF lowest in last four decades पिछले चार दशकों में सबसे कम ईपीएफ पर ब्याज दर पर

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Rate of Interest of EPF lowest in last four decades पिछले चार दशकों में सबसे कम ईपीएफ पर ब्याज दर पर

Rate of Interest of EPF lowest in last four decades- Question in Parliament पिछले चार दशकों में सबसे कम ईपीएफ पर ब्याज दर संसद में सवाल

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT
LOK SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 196
TO BE ANSWERED ON 18.07.2022

RATE OF INTEREST ON EPF

196. SHRI VIJAYAKUMAR (ALIAS) VIJAY VASANTH: SHRI RAVNEET SINGH BITTU:
Will the Minister of LABOUR AND EMPLOYMENT be pleased to state:

(a)whether it is a fact that the Government has approved 8.1 percent rate of interest on Employees’ Provident Fund (EPF) for 2021-22 which is lowest in the last four decades;

(b)if so, the details thereof along with the reasons therefor;

(c)whether it is a fact that the Employees’ Provident Fund Organization (EPFO) is facing issues relating to huge withdrawals, declining interest rate and underperformance of its equity portfolio and if so, the details thereof along with the reasons therefor;

(d)whether EPFO is considering increasing the equity investment limit to 25% to bridge shortfall and if so, the details thereof; and

(e)the details of the steps being taken by EPFO to improve its performance and protect the interests of the investors in this regard?

ANSWER

MINISTER OF STATE FOR LABOUR AND EMPLOYMENT (SHRI RAMESWAR TELI)

(a) & (b): As per the provisions of Paragraph 60(1) of the Employees’ Provident Fund (EPF) Scheme, 1952, Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) shall credit to the account of each member interest at such rate as may be determined by the Central Government in consultation with the Central Board of Trustees (CBT), Employees’ Provident Fund (EPF). The rate of interest on EPF is dependent on the income received by the EPF from its investments and such incomes are distributed only in accordance with the EPF Scheme, 1952. The CBT, EPF had recommended 8.10 per cent rate of interest on EPF for the financial year 2021-22, which has been approved by the Government and is higher than other comparable schemes viz. General Provident Fund (7.10%)/Senior Citizens Savings Scheme (7.40%)/Sukanya Samriddhi Account Scheme (7.60%).

(c): The details of the trend of EPF withdrawals during the last 3 financial years are as under:

Sl. No. Financial Year Withdrawals (Rs. in crore) No. of Claims settled
1 2019-20 70,202.34 1,28,77,354
2 2020-21 91,187.54 2,33,90,550
3 2021-22 1,04,959.18 2,88,15,498

The details of 10-year Government Securities Rates and Return on EPFO’s Investments in Equity for the last 3 years are as under:

Sl.

No.

FY     (as      on 31st March) 10-Year       G- Sec. Rates Notional              Return              on EPFO                Equity
1 2019-20 6.77 -8.29 (Covid Impact)
2 2020-21 6.42 14.67
3 2021-22 6.96 16.27

(d): The Finance Investment and Audit Committee (FIAC), a Sub- Committee of CBT, EPF, has recommended for the proposal to increase investment in equity and related investments in category IV of the Pattern of Investment from 5-15% to 5-20% for consideration of CBT, EPF.

(e): The details of the steps being taken by EPFO to improve its performance and protect the interests of the investors are as under:

  1. All investments are done as per the Pattern of Investment notified by the Government;
  2. Investment Guidelines are approved by tripartite governing body of EPFO. It prescribes processes and procedures which are followed without any deviation;
  3. The CBT and its Sub-Committee monitor all investment aspects, and regularly examine and deliberate, upon various instruments which are available for investment;
  4. The Investments are carried out through expert Portfolio Managers appointed by CBT for such purposes; and
  5. The asset classes are identified and approved on the basis of risk return matrix and thus investments are undertaken after adequate safeguards in such guidelines.

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भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय
लोक सभा

अतारांकित प्रश्न संख्या 196

सोमवार, 18 जुलाई, 2022/ 27आषाढ़, 1944 (शक)

ईपीएफ पर ब्याज दर

196. श्री विजय कुमार उर्फ विजय वसंत:
श्री रवनीत सिंह बिट्टू:
क्या श्रम और रोजगार मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या सरकार ने 2021-22 हेतु कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी है, जो पिछले चार दशकों में सबसे कम हैं;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इसके क्या कारण हें;

(ग) क्‍या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) बड़ी मात्रा में आहरण, घटती ब्याज दर और अपने इक्विटी पोर्टफोलियो के गिरते प्रदर्शन संबंधी मुद्दों का सामना कर रहा है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इसके क्या कारण हैं;

(घ). क्या ईपीएफओ कमी को पूरा करने के लिए इक्विटी निवेश सीमा को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और

(ड) ईपीएफओ दूवारा अपने कार्य निष्पादन में सुधार लाने और इस संबंध में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों का ब्यौरा क्‍या है?

उत्तर

श्रम और रोजगार राज्य मंत्री
(श्री रामेश्वर तेली)

(क) और (ख): कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना, 1952 के अनुच्छेद 60(1) के प्रावधानों के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) प्रत्येक सदस्य के खाते में केंद्रीय न्‍यासी बोर्ड (सीबीटी), कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के परामर्श से केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जा सकने वाली दर से ब्याज जमा करेगा। ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफ दवारा अपने निवेश से प्राप्त आय पर निर्भर है और ऐसी आय केवल ईपीएफ योजना, 1952 के अनुसार वितरित की जाती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सीबीटी, ईपीएफ ने ईपीएफ पर 8.10 प्रतिशत ब्याज दर की सिफारिश की थी, जिसे सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है और यह अन्य योजनाओं नामत: सामान्य भविष्य निधि (7.10%) वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (7.40%) सुकनन्‍्या समृद्धि खाता योजना (7.60%) की तुलना में अधिक है। ।

(ग): पिछले 3 वित्तीय वर्षों के दौरान ईपीएफ निकासी की प्रवृत्ति का विवरण निम्नानुसार है:

क्र.सं. वित्तीय वर्ष आहरण (करोड़ रुपये में) निपटाए गए दावों की संख्या
1 2019-20 70,202.34 1,28,77,354
2 2020-21 91,187.54 2,33,90,550
3 2021-22 1,04,959.18 2,88,15,498

पिछले 3 वर्षों के लिए इक्विटी में ईपीएफओ के निवेश पर 10 वर्षीय सरकारी प्रतिभूति दरों और रिटर्न का विवरण निम्नानुसार है:

क्र.सं. वित्‍तीय वर्ष (31 मार्च, की स्थिति केअनुसार) 10 वर्षों में सरकारी प्रतिभूति की दरें ईपीएफओ इक्विटी पर नोशनल रिटर्न
1 2019-20 6.77 -8.29 (कोविड का प्रभाव )
2 2020-21 6.42 14.67
3 2021-22 6.96 16.27

(घ): सीबीटी, ईपीएफ की एक उप-समिति, वित्त निवेश और लेखा-परीक्षा समिति (एफआईएसी) ने निवेश के पैटर्न की श्रेणी IV में इक्विटी और संबंधित निवेश में सीबीटी, ईपीएफ के विचारार्थ निवेश सीमा को 5-15% से बढ़ाकर 5-20% करने के प्रस्ताव की सिफारिश की है।

(ड): ईपीएफओ द्वारा अपने प्रदर्शन में सुधार और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण निम्नानुसार है:

  1. सभी निवेश सरकार द्वारा अधिसूचित निवेश के पैटर्न के अनुसार किए जाते हैं;
  2. ईपीएफओ के त्रिपक्षीय शासी निकाय द्वारा निवेश दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी जाती है। यह उन प्रक्रियाओं और पद्धतियों को निर्धारित करता है जिनका पालन बिना किसी विचलन के किया जाता है;
  3. सीबीटी और इसकी उप-समिति सभी निवेश पहलुओं की निगरानी करती है, और निवेश के लिए उपलब्ध विभिन्‍न उपकरणों पर नियमित रूप से जांच और विचार-विमर्श करती है;
  4. निवेश ऐसे उद्देश्यों के लिए सीबीटी द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ पोर्टफोलियो प्रबंधकों के माध्यम से किया जाता है; तथा
  5. जोखिम रिटर्न मैट्रिक्स के आधार पर परिसंपत्ति वर्गों की पहचान और अनुमोदन किया जाता है और इस प्रकार ऐसे दिशा-निर्देशों में पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बाद निवेश किया जाता है।

Source: Lok Sabha PDF

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