उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस): केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को वर्ष 2020-21 के लिए Ad-hoc Bonus 

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उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस): केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को वर्ष 2020-21 के लिए Ad-hoc Bonus 

उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस): केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को वर्ष 2020-21 के लिए Ad-hoc Bonus

 

संख्या- 7/24/2007/ई-III(ए)
भारत सरकार, वित्त मंत्रालय
व्यय विभाग
(संस्था-III (ए) शाखा)

नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्‍ली
दिनांक: 18 अक्टूबर, 2021

कार्यालय ज्ञापन

विषयः केन्द्र सरकार के कर्मचारियों को वर्ष 2020-21 के लिए उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) प्रदान किया जाना।

अधोहस्ताक्षरी को केन्द्र सरकार के समूह “ग” के कर्मचारियों और समूह “ख” के सभी अराजपत्रित कर्मचारियों जो उत्पादकता से संबदध किसी बोनस स्कीम के अंतर्गत नहीं आते हैं, को लेखा वर्ष 2020-21 के लिए 30 दिन की परिलब्धियों के बराबर उत्पादकता असंबदध बोनस (तदर्थ बोनस) प्रदान किए जाने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति की सूचना देने का निदेश हुआ है। इन आदेशों के तहत तदर्थ बोनस के भुगतान के लिए गणना की अधिकतम सीमा, 29 अगस्त, 2016 के का.ज़ा.सं.7/4/2014-ई.III(ए) के तहत 01/04/2014 से यथा-संशोधित 7000/- रुपए की मासिक परिलब्धियों की होगी। इन आदेशों के तहत तदर्थ बोनस का भुगतान केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के पात्र कर्मचारियों के लिए भी स्वीकार्य होगा। ये आदेश संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के उन कर्मचारियों पर भी लागू माने जाएगे जो परिल्रब्धियों के संबंध में केन्द्र सरकार की पद्धति का अनुसरण करते हैं तथा जो किसी अन्य बोनस या अनुग्रह स्कीम के अंतर्गत नहीं आते हैं।

2. यह लाभ निम्नलिखित नियमों एवं शर्तों के अधीन स्वीकार्य होगाः-

  1. केवल वे कर्मचारी इन आदेशों के अंतर्गत भुगतान के पात्र होंगे, जो 31.03.2021 को सेवा में थे और जिन्होंने वर्ष 2020-21 में न्यूनतम छह महीने तक त्रगातार सेवा की है। वर्ष में छह महीने से लेकर पूरे एक वर्ष तक लगातार सेवा की अवधि के लिए पात्र कर्मचारियों को यथा-अनुपात भुगतान किया जाएगा, पात्रता-अवधि की गणना सेवा के महीनों (महीनों की निकटतम पूर्णाकित संख्या) के रूप में की जाएगी।
  2. उत्पादकता असंबदध बोनस (तदर्थ बोनस) की मात्रा की गणना औसत परिलब्धियों/गणना
    की उच्चतम सीमा, इनमें से जो भी कम हो, के आधार पर की जाएगी। एक दिन के लिए उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की गणना करने के लिए एक वर्ष की औसत परिलब्धियों को 30.4 (एक महीने के औसत दिनों की संख्या) से विभाजित किया जाएगा। तत्पश्चात्‌ दिए जाने वाले बोनस के दिनों की संख्या से इसको गुणा किया जाएगा। उदाहरण के लिए, मासिक परिलब्धियों की उच्चतम गणना सीमा को 7000/- रुपए (जहां वास्तविक औसत परिलब्धियां 7000/- रुपए से ज्यादा हैं) मानते हुए 30 दिनों के लिए उत्पादकता असंबदध बोनस (तदर्थ बोनस) 7000 x 30/30.4 = 6907.89/- रुपए (पूर्णांकित 6908/- रुपए) बनेगा।
  3. ऐसे दिहाड़ी मजदूर, जिन्होंने 6 कार्य-दिवसीय सप्ताह वाले कार्यात्रयों में पिछले तीन अथवा इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष कम से कम 240 दिन (पांच कार्य-दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों के मामले में 3 या इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष 206 दिन) कार्य किया है, इस उत्पादकता असंबदध बोनस (तदर्थ बोनस) के भुगतान के पात्र होंगे। देय उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की राशि 1200 रुपए x 30/30.4 अर्थात 1184.21/- रुपए (पूर्णाकित 1184/- रुपए) होगी। ऐसे मामलों में जहां वास्तविक परिलब्धियां 1200/- रुपए प्रतिमाह से कम हैं, इस राशि की गणना वास्तविक मासिक परिलब्धियों के आधार पर की जाएगी।
  4. इन आदेशों के अंतर्गत सभी भुगतान रुपए के निकटतम पूर्णाक में किए जाएंगे।
  5. तदर्थ/उत्पादकता असंबदध बोनस के विनियमन के संबंध में विभिन्‍न बिंदु अनुबंध में दिए गए हैं।

3. इस मद में होने वाला व्यय उन संबंधित शीर्षों के नामे डाला जाएगा जिनमें इन कर्मचारियों के वेतन एवं भत्ते डाले जाते हैं।

4. उत्पादकता असंबदध बोनस (तदर्थ बोनस) की मद में होने वाला व्यय चालू वर्ष के लिए संबंधित मंत्रालयों/विभागों के संस्वीकृत बजट प्रावधान के अंदर पूरा किया जाना है।

5. जहां तक भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग में कार्यरत व्यक्तियों का संबंध है, ये आदेश भारत के संविधान के अनुच्छेद 148(5) के तहत यथा-अधिदेशित भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के परामर्श से जारी किए जाते हैं।

(बी.के. मंथन) 
उप सचिव

सेवा में

भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग आदि को मानक सूची के अनुसार।

प्रतिलिपि नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग आदि को मानक सूची के अनुसार प्रेषित (सामान्य तौर पर भेजी जाने वाली अतिरिक्त प्रतियों के साथ)।

दिनांक 18.10.2021 के का.जा. सं. 7/24/2007-ई.III(ए) में उल्लिखित अनुबंध

बिन्‍दु स्‍पष्‍टीकरण
1. क्‍या निम्नलिखित वर्गों के कर्मचारी संबंधित लेखा वर्ष के लिए तदर्थ बोनस लाभ के पात्र हैं? कम से कम छह माह की अनवरत सेवा पूरी करने और 31 मार्च, 2021 को सेवा में होने के अध्यधीन।
(क) पूर्णतः: अस्थाई तदर्थ आधार पर नियुक्त कर्मचारी। (क) जी हां, यदि सेवा में कोई व्‍यवधान न हो।
(ख) 31 मार्च, 2021 से पहले सेवा से त्यागपत्र देने वाले, सेवानिवृत्त अथवा मृत कर्मचारी। (ख) विशेष मामले के तौर पर केवल वही व्यक्ति जिन्होंने 31 मार्च, 2021 से पहले अधिवर्षिता की आयु प्राप्त कर ली हो अथवा चिकित्सा आधार पर अशक्तता के कारण सेवानिवृत्त हुए हों अथवा जिनकी मृत्यु हुई हो किंतु वर्ष के दौरान कम से कम छह माह की नियमित सेवा पूरी की हो, सेवा के महीनों की निकटतम संख्या के रूप में यथानुपात आधार पर तदर्थ बोनस के पात्र होंगे।
(ग) 31 मार्च, 2021 को राज्य सरकारों, संघ राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में प्रतिनियुक्ति/बाह्य सेवा शर्तों पर कार्यरत कर्मचारी। (ग) ऐसे कर्मचारी प्रदाता विभागों द्वारा तदर्थ बोनस भुगतान के लिए पात्र नहीं हैं। ऐसे मामलों में तदर्थ बोनस के भुगतान की जिम्मेदारी आदाता संगठन में लागू तदर्थ बोनस/उत्पादकता संबदध बोनस/ अनुग्रही भुगतान/प्रोत्साहन भुगतान स्कीम यदि कोई हो, के आधार पर आदाता संगठन की होती है।
(घ) ऐसे कर्मचारी जो लेखा वर्ष में उपर्युक्त “ग’ में उल्लिखित संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर बाहय सेवा पर रहने के बाद प्रत्यावर्तित हुए हों। (घ) बाह्य सेवा नियोक्ता से लेखा वर्ष के लिए प्राप्त कुल बोनस/अनुग्रही राशि और प्रत्यावर्तन के बाद की अवधि के लिए केन्द्र सरकार के कार्यालय से प्राप्य तदर्थ बोनस, यदि कोई हो, इन आदेशों के अनुसार तदर्थ बोनस के तहत देय राशि तक सीमित रखा जाएगा।
(ड.) केन्द्र सरकार में प्रतिवर्ती प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकार/ संघ राज्य प्रशासन/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी। (ड.) जी हां, इन आदेशों के अनुसार ये कर्मचारी आदाता विभागों से तदर्थ बोनस भुगतान के लिए पात्र हैं बशर्तें कि प्रतिनियुक्ति की शर्तों के भाग के रूप में प्रतिनियुक्ति भत्ते के अलावा कोई अतिरिक्त प्रोत्साहन का भुगतान न किया जाता हो और प्रदाता प्राधिकारियों को कोई आपत्ति न हो।
(च) अधिवर्षिता प्राप्त कर्मचारी, जिन्हें पुनर्नियोजित किया गया हो। (च) चूंकि पुनर्नियोजन नया नियोजन होता है, इसलिए पुनर्नियोजन की अवधि हैतु पात्रता की अलग से गणना की जाएगी; अधिवर्षिता से पहले की अवधि और पुनर्नियोजन की अवधि के लिए स्वीकार्य कुल राशि, यदि कोई हो, इन आदेशों के तहत तदर्थ बोनस के अंतर्गत अधिकतम स्वीकार्य राशि तक सीमित होगी।
(छ) ऐसे कर्मचारी जो लेखा वर्ष के दौरान किसी समय अर्ध-वेतन छुट्टी/असाधारण छुट्टी/अर्जन शोध्य छुट्टी/अध्ययन छुट्टी पर थे। (छ) अवेतन छुट्टी के मामले को छोड़कर अन्य प्रकार की छुट्टियों की अवधि, पात्रता अवधि की गणना के प्रयोजन के लिए शामित्र की जाएगी। असाधारण छूट्टी/अकार्य दिवस को पात्रता अवधि से हटा दिया जाएगा परन्तु इसे तदर्थ बोनस के प्रयोजन हेतु सेवा में व्यवधान नहीं माना जाएगा।
(ज) लेखा वर्ष के दौरान किसी भी समय निलंबित रहे कर्मचारी। (ज) लेखा वर्ष में किसी अवधि के लिए निलंबित रहे किसी कर्मचारी को दिए गए निर्वाह भत्ते को परिलब्धि नहीं माना जा सकता। ऐसा कर्मचारी यदि निलंबन की अवधि के लिए परित्रब्धियों के लाभ सहित बहाल होता है तो वह तदर्थ बोनस के लाभ का पात्र हो जाता है और अन्य मामलों में ऐसी अवधि को अवेतन छुट्टी पर रहे कर्मचारियों के मामले की तरह पात्रता के प्रयोजनार्थ शामित्र नहीं किया जाएगा।
(झ) किसी मंत्रालय/विभाग/कार्यालय जहां तदर्थ बोनस के आदेश लागू हैं, से भारत सरकार अथवा संघ राज्यक्षेत्र के कार्यालय जिसमें तदर्थ बोनस के आदेश लागू हों, में स्थानांतरित कर्मचारी अथवा इसके उलट। (झ) तदर्थ बोनस के आदेशों में शामित्र किसी भी मंत्रालय/विभाग/कार्यालय से किसी अन्य कार्यालय में, सेवा में व्यवधान के बगैर स्थानांतरित हुए कर्मचारी भिन्‍न-भिन्‍न संगठनों में संयुक्त सेवा अवधि के आधार पर पात्र होंगे। सीमित विभागीय अथवा खुली प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर एक संगठन से किसी दूसरे संगठन में नामित हुए कर्मचारी भी तदर्थ बोनस के पात्र होंगे। भुगतान केवल उसी संगठन द्वारा किया जाएगा जहां पर कर्मचारी 31 मार्च, 2021 को नियोजित था और पूर्व नियोक्ता के साथ कोई समायोजन आवश्यक नहीं होगा।
(ञ) तदर्थ बोनस के आदेशों में शामित्र किसी सरकारी विभाग/संगठन से उत्पादकता संबद्ध बोनस स्कीम में शामित्र किसी सरकारी विभाग/संगठन में स्थानांतरित अथवा इसके उलट वहां से स्‍थानांतरित कर्मचारी। (ञ) ऐसे कर्मचारियों को उस राशि में से, जिसका भुगतान उसे तदर्थ भुगतान के आदेशों में शामिल विभाग में संपूर्ण वर्ष के लिए परिलब्धियों के आधार पर किया जाता, उत्पादकता संबदध बोनस के रूप में देय राशि घटाकर भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार परिकलित राशि का भुगतान उस विभाग द्वारा किया जाएगा जहां वह कर्मचारी 31 मार्च, 2021 और/अथवा भुगतान के समय कार्य कर रहा था।
(ट) नामिक नियत भुगतान पर नियुक्त अंशकालिक कर्मचारी। (ट) पात्र नहीं हैं।

आदेश को अंंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें:-

Grant of Non-Productivity Linked Bonus (ad-hoc bonus) to Central Government Employees for the year 2020-21

2. क्‍या तदर्थ बोनस निम्नलिखित मामलों में किसी लेखा वर्ष के लिए अनियत मजदूरों को देय है:-
(क) वो कर्मचारी जिन्होंने उक्त लेखा वर्ष की समाप्ति के साथ समाप्त तीन वर्ष की अवधि में प्रत्येक वर्ष के दौरान विभिन्‍न कार्यात्रयों में विनिर्टिष्ट कार्यदिवसों की अवधि तक काम किया है। (क) इस पात्रता की गणना उक्त लेखा वर्ष से पहले के तीन वर्षों के लिए उलटे क्रम में की जानी होती है। इन तीन वर्षो में से प्रत्येक वर्ष के 240 कार्यदिवसों की उस अवधि की गणना भारत सरकार के एक से अधिक कार्यालयों में किए गए कार्यदिवसों की संख्या को जोड़कर की जा सकती है जिसके लिए बोनस, अनुग्रही राशि अथवा प्रोत्साहन भुगतान न तो अर्जित किया गया हो और न ही प्राप्त किया गया हो।
(ख) वे अनियत मजदूर जो 31 मार्च, 2021 को कार्य पर मौजूद नहीं थे। (ख) 31 मार्च, 2021 को सेवायोजन में रहने की शर्त, जैसा कि इन आदेशों में निर्धारित है, नियमित सरकारी कर्मचारियों पर लागू होती है न कि अनियत मजदूरों पर।
(ग) वे कर्मचारी जिन्होंने संगत लेखा वर्ष से पहले के दो वर्षो में प्रत्येक वर्ष के दौरान विनिर्टिष्ट कार्यदिवसों में कार्य किया है लेकिन संगत लेखा वर्ष में सेवायोजन में नियमित किए जाने के कारण कार्य दिवसों की न्यूनतम अवधि पूरी नहीं कर पा रहे हैं। (ग) यदि कोई अनियत मजूदर जिसे लेखा वर्ष में नियमित किया गया है, 31 मार्च, 2021 की स्थिति के अनुसार छह माह की न्यूनतम निरंतर सेवा पूरी नहीं करता और इसलिए उसे नियमित कर्मचारी के रूप में यह लाभ नहीं दिया जा सकता, उसे अनियत मजदूर का लाभ दिया जा सकता है बशर्ते कि उक्त वर्ष में नियमित सेवा की वह अवधि अनियत मजदूर के रूप में कार्य की अवधि में जोड़े जाने पर उस लेखा वर्ष में दिनों की न्यूनतम विनिर्दिष्ट संख्या बन जाती है।

स्रोत : पीडीएफ के लिए यहां क्लिक करें

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