HomeNews

Uniformity in fee structure of private schools

Uniformity in fee structure of private schools: Lok Sabha Q&A

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF HUMAN RESOURCE DEVELOPMENT
RAJYA SABHA

QUESTION NO 553

ANSWERED ON 14.07.2014

Uniformity in fee structure of private schools

553 SHRI PRABHAT JHA

Will the Minister of HUMAN RESOURCE DEVELOPMENT be pleased to satate :-

(a) whether it is a fact that there is no uniformity in school fee to be charged by private schools in the country and schools charge fee arbitrarily from the parents;
(b) if so, the details thereof, State-wise;
(c) whether Government proposes to formulate any clear policy at national level in this regard taking cognizance of the matter; and

(d) if so, the details thereof?

ANSWER

MINISTER OF HUMAN RESOURCE DEVELOPMENT (SMT. SMRITI ZUBIN IRANI)

(a) and (b) Ministry of Human Resource Development does not regulate the fee structure of private schools. However, presently CBSE has about 15000 affiliated schools including private schools.
  • As per CBSE affiliation Bye Laws fees charges should be commensurate with the facilities provided by the institution. Fees should normally be charged under the heads prescribed by the Department of Education of the State/U.T. for schools of different categories. No capitation fee or voluntary donations for gaining admission in the school or for any other purpose should be charged / collected in the name of the school and the school should not subject the child or his or her parents or guardians to any screening procedure. In case of such malpractices, the Board may take drastic action leading to disaffiliation of the school.
Further, any school or person who violates the above provisions is liable for the following –
  • Receives capitation fee, shall be punishable with fine which may extend to ten times the capitation fee charged
(c) and (d) No such proposal is under consideration of the Ministry of Human Resource Development.
*****

भारत सरकार

मानव संसाधन विकास मंत्रालय

स्‍कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग

राज्‍य सभा

अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या: 553

उत्‍तर देने की तारीख : 14 जुलाई, 2014

निजी स्कूलों की फीस संरचना में एकरूपता

553. श्री प्रभात झाः

क्या मानव संसाधन विकास मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः

(क) क्या यह सच है कि देश में निजी स्कूलों द्वारा चार्ज किये जाने वाली स्कूल फीस में कोई एकरूपता नहीं है और स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से अभिभावकों से फीस वसूली जाती है;

(ख) यदि हां, तो राज्यवार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ग) स्थिति का संज्ञान लेते हुये इस मामले में सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर क्या कोई स्पष्ट नीति बनाए जाने की योजना है; और

(घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

उत्तर

मानव संसाधन विकास मंत्री

(श्रीमती स्‍मृति ज़ूबिन इरानी)

(क) और (ख): मानव संसाधन विकास मंत्रालय निजी स्‍कूलों की शुल्‍क संरचना को नियंत्रित नहीं करता। फिर भी, इस समय केन्‍द्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से निजी स्‍कूलों सहित लगभग 15000 स्‍कूल संबद्ध हैं।

सीबीएसई से सम्‍बद्ध उपनियमों के अनुसार संस्‍थाओं द्वारा उपलब्‍ध कराई गई सुविधाओं के अनुरूप शुल्‍क प्रभार होने चाहिएं। राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र के शिक्षा विभाग द्वारा सामान्‍यत: शुल्‍क विभिन्‍न श्रेणियों के स्‍कूलों के लिए निर्धारित शीर्षों के अंतर्गत वसूल किए जाने चाहिएं। स्‍कूल में प्रवेश लेने या किसी अन्‍य प्रयोजन से स्‍कूल के नाम पर कोई केपिटेशन शुल्‍क या स्‍वैच्छिक डोनेशन वसूल/इकट्ठे नहीं किए जाने चाहिए और स्‍कूल किसी बच्‍चे या उसके माता-पिता या अभिभावकों को किसी छानबीन प्रक्रिया का विषय नहीं बनाएगा। ऐसे कदाचार की स्थिति में बोर्ड सख्‍त कार्रवाई कर सकता है जो स्‍कूल का संबद्धन समाप्‍त करने तक की हो सकती है।

इसके अलावा कोई स्‍कूल या व्‍यक्ति उपर्युक्‍त प्रावधानों का उल्‍लंघन करता है तो वह निम्‍नलिखित के प्रति उत्‍तरदायी होगा:-

केपिटेशन शुल्‍क लेता है तो जुर्माने से दंडित किया जाएगा जो वसूल किए गए केपिटेशन शुल्‍क का दस गुणा तक हो सकता है।
(ग) और (घ): ऐसा कोई प्रस्‍ताव मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विचाराधीन नहीं है। ‍

*****

HINDI_VERSION

Stay connected with us via Facebook, Google+ or Email Subscription.

COMMENTS

WORDPRESS: 0