HomeOne Rank One Pension

‘वन रैंक वन पेंशन योजना’ .. देश को ए-वन करने की कोशिश

Positive India: ‘वन रैंक वन पेंशन योजना’ .. देश को ए-वन करने की कोशिश  by: Ankur Sharma

Positive India में हम आज बात करेंगें वन रैंक वन पेंशन योजना की.. जिसको लेकर पिछले दिनों देश में काफी बवाल मचा हुआ था जो कि शनिवार को सरकार के एक ऐलान के बाद खत्म हुआ है। सरकार की ओर से उठाया गया यह वो कदम है जिसका इंतजार चार दशकों से हो रहा था।

सेना में नौकरी केवल एक काम नहीं बल्कि यह एक देश सेवा है क्योंकि जब सरहद पर सैकड़ों की संख्या पर प्रहरी रात-दिन पहरा देते हैं तब कहीं जाकर हम लोग अपने घरों में बेफिक्र होकर सोते हैं जिसके कारण सेना के लोगों को देश में स्पेशल ट्रीटमेंट मिलनी चाहिए इसलिए ‘वन रैंक वन पेंशन योजना’ को लेकर आंदोलन किया जा रहा था। 


आईये इस मुद्दे पर बात करने से पहले जानते हैं कि आखिर क्या था ‘वन रैंक वन पेंशन’ का पूरा बवाल


  •  मोदी सरकार ने चुनाव से पहले सेना के लोगों को ‘वन रैंक वन पेंशन’ देने का वादा किया था इस कारण इसको लेकर मोदी सरकार से बहुत सारी उम्मीदें थी 
  • इसलिए सरकार के सामने यह एक कठिन परीक्षा थी जिसे कि उसने सफलता पूर्वक पार कर ली है।
  • दरअसल जब दो फौजी एक पद पर, एक समय तक सर्विस कर के रिटायर होते हैं। 
  • पर उनके रिटायरमेंट में कुछ सालों का अंतर होता है और इस बीच नया वेतन आयोग भी आ जाता है, तो बाद में रिटायर होने वाले की पेंशन नए वेतन आयोग के अनुसार बढ़ जाती है। 
  • लेकिन पहले रिटायर हो चुके फौजी की पेंशन उसी अनुपात में नहीं बढ़ पाती। 
  • जिसे लेकर पूर्व सैन्य अधिकारी और लोग दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे थे। 

फौजियों और सिविलियन में अंतर 

  • फौजियों की पेंशन की तुलना सामान्य सरकारी कर्मचारियों से नहीं की जा सकती क्योंकि एक ओर जहाँ सामान्य सरकारी कर्मचारी को 60 साल तक तनख्वाह लेने की सुविधा मिलती है। 
  • तो वहीं फौजियों को 33 साल में ही रिटायर होना पड़ता है। 
  • अंग्रेजों के समय में फौजियों की पेंशन तनख्वाह की करीब 80 प्रतिशत होती थी जबकि सामान्य सरकारी कर्मचारी की 33 प्रतिशत हुआ करती थी। 
  • भारत सरकार ने इसे सही नहीं माना और 1957 के बाद से फौजियों की पेंशन को कम की और अन्य क्षेत्रों की पेंशन बढ़ानी शुरू की। 

इसलिए फौजियों ने पेंशन की मांग की है। 


क्या थी फौजियों की मांग? 

  • फौजियों की मांग है कि 1 अप्रैल 2014 से ये योजना छठे वेतन आयोग की सिफरिशों के साथ लागू हो।
  • फौजियों का कहना था कि असली संतुलन लाना है तो हमें भी 60 साल पर रिटायर किया जाय। 
  • हमें तो 33 साल पे ही रिटायर कर दिया जाता है और उसके बाद सारा जीवन हम पेंशन से ही गुजारते हैं 
  • जबकि अन्य कर्मचारी 60 साल तक पूरी तनख्वाह पाते हैं। 
  • ऐसे में हमारी पेंशन के प्रतिशत को कम नहीं करना चाहिए। 

सरकार ने सुनी सारी बातें और लिया अहम फैसला 

  • 5 सितंबर को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज पूर्व सैनिकों की करीब 40 साल पुरानी लंबित मांग वन रैंक-वन पेंशन (OROP) का ऐलान कर दिया। 
  • रक्षा मंत्री ने कहा कि यह मांग चार दशकों से लंबित थी। सरकार इसे लागू कर रही है और इस पर 8 से 10 हजार करोड़ का सालाना खर्चा होगा। 
  • पूर्व सैनिकों को 1 जुलाई 2014 से इसका लाभ मिलेगा। 
  • सैनिकों को 4 किस्‍तों में बकाया पैसा मिलेगा। 
  • हालांकि शहीदों के परिवारों को एक किश्‍त में बकाया दे दिया जाएगा। 
  • वीआरएस लेने वाले सैनिकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। 
  • हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा होगी। 

पॉजीटिव इंडिया 

देश का सैनिक ना हो तो देश सुरक्षित नहीं रह सकता है इसलिए शहीदों की शहादत को हर किसी को सलाम करना चाहिए। लेकिन अगर एक सैनिक अपने तन-मन से देशवासियों की रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार रह सकता है तो देशवासियों के दिलों में उसके लिए इज्जत और सरकार के पास ऐसी योजनाएं होनी चाहिए जिसके जरिये सब को सुरक्षित करने वाले का जीवन और परिवार भी सुरक्षित हो। इसमें किसी को शक नहीं कि सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम पॉजीटिव इंडिया की सोच का उदाहरण है। उम्मीद जताई जा सकती है कि इस कदम के बाद हमारे युवाओं का मन सेना में जाने पर घबरायेगा नहीं और वो पहले से दूने जोश में सेना में भर्ती होंगे।

अंकुर शर्मा, सीनियर सब-एडिटर, वनइंडिया 

लेखक परिचय- मैं वनइंडिया में सीनियर सब-एडिटर के रूप में कार्यरत हूं। मैं बेहद सकारात्मक यानी पॉजिटिव सोच रखती हूं ओर उसी सोच से मैं अपने भारत को देखती हूं। इस कॉलम Positive India में मेरा लक्ष्य है अपने पाठकों के सामने एक सकारात्मक भारत की तस्वीर पेश करना। यह एक छोटा सा कदम है लोगों में सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाहित करने का।

Read at: Hindi One India

Stay connected with us via Facebook, Google+ or Email Subscription.

Subscribe to Central Government Employee News & Tools by Email [Click Here]
Follow us: Twitter [click here] | Facebook [click here] Google+ [click here]
Admin

COMMENTS

WORDPRESS: 1
  • Desh ke sanik jo kewal ladai k dauran hi apni jan ki baji lagate hai unhe to roop de diya gaya lekin desh k kisi v buddhijivi barg k dimag me ye bat q nhi aayi ki border security force aur i t b p roj border par goliya khate h aur sena se kathin paristhityo me jeewan yan karte hai unhe v kuch milna chahiye ya nhi