खुशखबरी! कर्मचारियों को चार दिन काम, 3 दिन मिलेगी छुट्टी- मोदी सरकार बदल सकती है नियम

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खुशखबरी! कर्मचारियों को चार दिन काम, 3 दिन मिलेगी छुट्टी- मोदी सरकार बदल सकती है नियम

खुशखबरी! कर्मचारियों को चार दिन काम, 3 दिन मिलेगी छुट्टी- मोदी सरकार बदल सकती है नियम

नई दिल्‍ली | विशेष संवाददाता

कामकाजी लोगें के लिए खुशखबरी। सरकार हफ्ते में सिर्फ चार दिन काम और तीन दिन छट्टी केप्रावधान पर विचार कर रही है। देश में बन रहे नए श्रम कानूनों में यह प्रावधान किया जा सकता है । श्रम सचिव ने सोमवार को यह जानकारी दी। उनके मुताबिक, नए लेबर कोड में ये विकल्प भी रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं। नए नियमों के तहत काम के घंटों को बढ़ाकर 12 घंटे तक किया जा सकता है। कामकाजी घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 है, ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा घट जाएगा। श्रम सचिव ने ईपीएफ पर टैक्स को लेकर बजट में हुए ऐलान पर जानकारी दी।

देश में बन रहे नए श्रम कानूनों के तहत आने वाले दिनों में हफ्ते में तीन दिन छुट्टी का प्रावधान संभव है। सोमवार को बजट में श्रम मंत्रालय के लिए हुए ऐलान पर जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने बताया कि कि केंद्र सरकार हफ्ते में चार कामकाजी दिन और उसके साथ तीन दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है।

पांच दिन से घट सकते हैं काम के दिन

उनके मुताबिक नए लेबर कोड में नियमों में ये विकल्प भी रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं। नए नियमों के तहत सरकार ने काम के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है। काम करने के घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 है, ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा पांच से घट सकता है।

Petition on Old Pension Scheme by earlier placed under NPS पुरानी पेंशन योजना के संबंध में याचिका

Scrap New Pension Scheme, 7th CPC Option beyond 25.07.2016, NDA Ceiling, MACP option from 01.01.2006, MACP on Promotional Hierarchy and more Points: Agenda Points for NC (JCM) and Standing Committee

न्‍यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी का प्रस्‍ताव

वहीं न्यूनतम ईपीएफ पेंशन में बढोतरी के सवाल पर श्रम सचिव ने कहा कि इस बारे में कोई प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा ही नहीं गया था। जो प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भेजे थे, उन्हें केंद्रीय बजट में शामिल कर लिया गया है। श्रमिक संगठन लंबे समय से ईपीएफ की मासिक न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि सामाजिक सुरक्षा के नाम पर सरकार न्यूनतम 2000 रुपये या इससे अधिक पेंशन मासिक रूप से दे रही है जबकि ईपीएफओ के अंशधारकों को अंश का भुगतान करने के बावजूद इससे बहुत कम पेंशन मिल रही है।

बताया कि ढाई लाख रुपये से ज्यादा निवेश होने के लिए टैक्स सिर्फ कर्मचारी के योगदान पर लगेगा। कंपनी की तरफ से होने वाला अंशदान इसके दायरे में नहीं आएगा। छूट के लिए ईपीएफ-पीपीएफ भी नहीं जोड़ा जा सकता। ज्यादा वेतन पाने वाले लोगों की तरफ से होने वाले बड़े निवेश और ब्याज पर खर्च बढ़ने की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया है।

कर्मचारियों को चार दिन काम

Source: [livehindustan]

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