Pension Adalat Organised by CPAO and Objective of NPS सीपीएओ द्वारा आयोजित पेंशन अदालत एवं एनपीएस के उद्देश्य

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Pension Adalat Organised by CPAO and Objective of NPS सीपीएओ द्वारा आयोजित पेंशन अदालत एवं एनपीएस के उद्देश्य

Pension Adalat Organised by CPAO and Objective of National Pension System (NPS) सीपीएओ द्वारा आयोजित पेंशन अदालत एवं राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के उद्देश्य

Government of India
Ministry of Finance
Department of Expenditure
O/o Controller General of Accounts
Central Pension Accounting Office

Bhikaji Cama Place, Trikoot-II,
New Delhi – 110066

LOK SABHA
UN-STARRED QUESTION No. 1922
TO BE ANSWERED ON MONDAY, 13th MARCH, 2023

PENSION ADALAT ORGANISED BY CPAO

1922 SHRI SUBRAT PATHAK:
SHRI RAVINDRA KUSHWAHA: SHRI RAVI KISHAN

Will the Minister of Finance be pleased to state:

(a) Whether the Central Pension Accounting Office (CPAO) is going to organize a ‘Pension Adalat’ through video conferencing;

(b) If so, the details thereof along with the aims and the objectives thereof;

(c) the details of issues/matters likely to be sorted out in the said Pension Adalat;

(d) the main objectives of launching National Pension Scheme (NPS) along the number’ of persons enrolled under the scheme its inception, State/UT wise; and

(e) whether the Government achieved the objective of launching NPS and if so, the details thereof and if not, the corrective measures taken/being taken by the Government in this regard?

Answer

MINISTER IN THE MINISTRY OF FINANCE (SMT. NIRMALA SITHARAMAN)

(a) & (b) Central Pension Accounting Office (CPAO) does organize Pension Adalat periodically, last Pension Adalat was organized by CPAO through video conferencing on 16th March, 2022. The aims and objective of this ‘Pension Adalat’ are to facilitate prompt and quick redressal of the grievances of the pensioners/family pensioners.

(c) The details of issues/matters taken up to resolve in the Pension Adalats relate to payment of commutation value, payment of additional pension due, payment of arrear of pension due to revision & issues related to life certificate submission.

(d) The National Pension System (NPS) was introduced by the Government of India to replace the defined benefit pension system by defined contribution pension scheme in order to provide old age income security and to channelize the small savings into productive sectors of the economy through prudential investments. NPS was made mandatory for all new recruits to the Central Government service from 1st January, 2004, (except the armed forces in the first stage) and has also been rolled out for all citizens with effect from 1st May, 2009, on voluntary basis. The number of persons enrolled under NPS as on 28.02.2023, since its inception, State/UT-wise is at Annexure A.

(e) Government of India has taken a number of steps for streamlining NPS for Central Government employees. These include enhancement of Government’s contribution from the earlier 10% of Pay + DA to 14% of Pay + DA, freedom of choice for selection of Pension Funds and pattern of investment to subscribers, payment of compensation for non-deposit or delayed deposit of NPS contributions for any period during 2004-2012, tax exemption under section 80C of the Income Tax Act, 1961 and increase in tax exemption limit for lump sum withdrawal on exit from earlier 40% to 60% of the amount due, making the entire withdrawal exempt from income tax.

Annexure A

The number of persons enrolled under NPS as on 28.02.2023, since its inception, State/UT-wise

Sl. No. Name of State Number of Subscribers
1. Andaman & Nicobar lslands 15,398
2. Andhra Pradesh 10,95,430
3. Arunachal Pradesh 40,226
4. Assam 5,32,482
5. Bihar 7,65,178
6. Chandigarh 41,519
7. Chhattisgarh 6,23,948
8. Dadra and Nagar Haveli & Daman & Diu 5,527
9. Delhi 4,95,577
10. Goa 64,513
11. Gujarat 8,24,741
12. Haryana 5,36,573
13. Himachal Pradesh 1,99,076
14. Jammu & Kashmir 2,53,459
15. Jharkhand 4,02,236
16. Karnataka 14,85,649
17. Kerala 7,35,253
18. Ladakh 692
19. Lakhswadeep 2,448
20. Madhya Pradesh 9,90,519
21 Maharashtra 17,76,435
22. Manipur 73,764
23. Meghalaya 36,017
24. Mizoram 15,148
25. Nagaland 53,504
26. Odisha 6,09,038
27. Pondicherry 27,486
28. Punjab 3,87,258
29. Rajasthan 10,27,720
30. Sikkim 31,346
31. Tamil Nadu 7,62,736
32. Telangana 2,37,266
33. Tripura 62,289
34. Uttar Pradesh 19,30,480
35. Uttarakhand 2,05,582
36. West Bengal 7,26,759
37. Others* 45,188
Total 1,71,18,460

Others include paramilitary forces, Non Resident lndian subscribers, and Overseas Citizenship of India subscribers.

Source: PFRDA

*****

भारत सरकार
वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग
महालेखा नियंत्रक कार्यालय
केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय

भीकाजी कामा प्लेस, त्रिकूट-II,
नई दिल्‍ली – 110066

लोक सभा अतारांकित प्रश्न संख्या 1922
उत्तर सोमवार, 13 मार्च, 2023 को दिया जाना है।

“सीपीएओ द्वारा आयोजित पेंशन अदालत”

1922 श्री सुब्रत पाठक
श्री रवींद्र कुशवाहा
श्री रवि किशन
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

क) क्या केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘पेंशन अदालत’ आयोजित करने जा रहा है;

(ख) यदि हां, तो इसके लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ग) उक्त पेंशन अदालत में निपटाए जाने वाले संभावित मुद्दों।मामलों का ब्यौरा क्‍या है;

(घ) राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को शुरू करने के मुख्य उद्देश्य और राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार इस योजना के तहत पंजीकृत व्यक्तियों की संख्या’, और

(ड). क्या सरकार ने एनपीएस शुरू करने के उद्देश्य को प्राप्त कर लिया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इस संबंध में सरकार द्वारा क्या सुधारात्मक उपाय किए गए/किए जा रहे हैं?

उत्तर

वित्त मंत्रालय में मंत्री (श्रीमती निर्मला सीतारामन)

(क) और (ख) केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) समय-समय पर पेंशन अदालत का आयोजन करता है, विगत पेंशन अदालत का आयोजन वीडियो कॉनन्‍्फ्रेंसिंग के माध्यम से 16 मार्च, 2022 को सीपीएओ द्वारा किया गया था । इस ‘पेंशन अदालत’ का लक्ष्य और उद्देश्य पेंशनभोगियों/ पारिवारिक पेंशनभोगियों की शिकायतों के तात्कालिक और त्वरित निवारण की सुविधा प्रदान करना है।

(ग) सारांशीकरण मूल्य के भुगतान, अतिरिक्त पेंशन के भुगतान, संशोधन के कारण पेंशन के बकाया का भुगतान और जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने से संबंधित मुद्दो।मामलों का विवरण पेंशन अदालतों में हल करने के लिए लिया जाता है।

(घ) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की शुरुआत भारत सरकार द्वारा परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली को परिभाषित अंशदान पेंशन योजना द्वारा बदलने के लिए की गई थी ताकि वृद्धावस्था आय सुरक्षा मुहैया कराई जा सके और विवेकपूर्ण निवेश के माध्यम से अल्प बचतों को अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्र में लाया जा सके। एनपीएस को केंद्र सरकार सेवा (प्रथम चरण में सशस्त्र बलों के अतिरिक्त) में 1 जनवरी, 2004 से सभी नई भर्तियों के लिए अनिवार्य किया गया और 1 मई, 2009 से स्वैच्छिक आधार पर सभी नागरिकों के लिए प्रभावी रूप से शुरू किया गया था। इसकी स्थापना के बाद से 28.02.2023 की स्थिति के अनुसार एनपीएस के तहत राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार नामांकित व्यक्तियों की संख्या, अनुलग्नक “क’ में है ।

(ड़) भारत सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एनपीएस को सुव्यवस्थित करने हेतु कई कदम उठाए हैं। इसमें वेतन + डीए के पूर्वनिर्धारित सरकारी योगदान को 10% से बढ़ाकर 14% तक किया जाना , पेंशन फंड के स्वेच्छा से चयन की स्वतंत्रता और ग्राहकों के लिए निवेश का पैटर्न, 2004-2012 के दौरान किसी भी अवधि के लिए गैर-जमा या एनपीएस योगदान की देरी से जमा के लिए मुआवजे का भुगतान, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत कर छूट और एकमुश्त निकासी के लिए कर छूट की सीमा में वृद्धि, देय राशि के पहले 40% से 60% तक, पूरी निकासी छूट आयकर से मुक्त शामिल है।

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