सीबीडीटी ने करदाताओं को टीडीएस/टीसीएस प्रावधानों के अनुपालन में हो रही कठिनाइयों को कम करने के लिए ऑर्डर जारी किया

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सीबीडीटी ने करदाताओं को टीडीएस/टीसीएस प्रावधानों के अनुपालन में हो रही कठिनाइयों को कम करने के लिए ऑर्डर जारी किया

सीबीडीटी ने करदाताओं को टीडीएस/टीसीएस प्रावधानों के अनुपालन में हो रही कठिनाइयों को कम करने के लिए ऑर्डर जारी किया CBDT issues orders u/s 119 of IT Act,1961 to mitigate hardships to taxpayers arising out of compliance of TDS/TCS provisions

पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय

04-अप्रैल-2020 16:38 IST

सीबीडीटी ने करदाताओं को टीडीएस/टीसीएस प्रावधानों के अनुपालन में हो रही कठिनाइयों को कम करने के लिए ऑर्डर जारी किया 

यह ऑर्डर आईटी अधिनियम, 1961 की धारा 119 के तहत जारी किया गया है

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‘कोविड-19 महामारी’ के प्रकोप के कारण लगभग सभी सेक्‍टरों के सामान्य कामकाज में व्‍यापक व्यवधान आ रहे हैं। करदाताओं की कठिनाइयों को कम करने के लिए सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 119 के तहत मिले अपने अधिकारों का इस्‍तेमाल करते हुए निम्नलिखित निर्देश/स्पष्टीकरण जारी किए हैं:

ऐसे सभी करदाता जिन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए टीडीएस/टीसीएस के कम या शून्य कटौती के लिए आवेदन दाखिल किया है और जिनके आवेदन अभी तक निपटान के लिए लंबित हैं तथा उन्हें वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इस तरह के प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, तो लेन-देन के संबंध में ऐसे प्रमाण पत्र वित्त वर्ष 2020-21 की तिथि 30 जून 2020 तक अथवा कर आकलन अधिकारियों द्वारा उनके आवेदनों का निपटान करने तक, जो भी पहले हो, मान्‍य होंगे। यह उस कटौतीकर्ता या संग्रहकर्ता, यदि कोई हो, के लिए भी मान्‍य होगा जिसके लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रमाणपत्र जारी किया गया था। ऐसे मामले जिनमें करदाता वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ट्रेसेज पोर्टल में टीडीएस/टीसीएस की कम या शून्य कटौती के लिए आवेदन नहीं कर सके, लेकिन उनके पास वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रमाण पत्र थे, तो वैसी स्थिति में इस तरह के प्रमाण पत्र वित्त वर्ष 2020-21 की तिथि 30 जून 2020 तक मान्‍य होंगे। हालांकि, उन्हें जल्द से जल्द आवेदन करने की आवश्यकता है जिसमें लेन-देन का विवरण देना होगा। यह आवेदन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार टीडीएस/टीसीएस के कटौतीकर्ता/संग्रहकर्ता अथवा कर आकलन अधिकारी के यहां करना होगा। इसके अलावा भारत में स्थायी प्रतिष्ठानों, जहां उपर्युक्‍त आवेदन लंबित हैं, वाले गैर-निवासियों (विदेशी कंपनियों सहित) को भुगतान करने पर वित्त वर्ष 2020-21 की तिथि 30 जून 2020 तक अथवा उनके आवेदनों का निपटान होने तक, इनमें से जो भी पहले हो, 10% की रियायती दर (अधिभार और उपकर सहित) से टैक्‍स की कटौती की जाएगी (ऑर्डर 31 मार्च 2020 को जारी किया गया)।

देखें – Income Tax – FAQs on Salary Income – Is standard deduction applicable to family pensioners from AY 2019-2020?​​​ and many more

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए टीडीएस/टीसीएस की कम/शून्य दर के लिए लंबित आवेदनों के मामले में कर आकलन अधिकारियों को 27 अप्रैल 2020 तक एक उदार या सरल प्रक्रिया के जरिए आवेदनों का निपटान करने का निर्देश दिया गया है, ताकि करदाताओं को अतिरिक्त कर

का भुगतान न करना पड़े। दरअसल, इस तरह की स्थिति में इन करदाताओं को तरलता (लिक्विडिटी) की समस्‍या का सामना करना पड़ सकता है (ऑर्डर 03 अप्रैल 2020 को जारी  किया गया)।

देखें – Exemption Free Income Tax Regime – Details छूट मुक्त आयकर प्रणाली – ब्यौरा

छोटे करदाताओं की कठिनाइयों को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी व्यक्ति ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बैंकों या अन्य संस्थानों में वैध फॉर्म 15जी और 15एच जमा किए थे, तो ये फॉर्म 30 जून 2020 तक मान्य होंगे। इससे टीडीएस के सापेक्ष उन छोटे करदाताओं के‍ हितों की रक्षा होगी जिन पर कोई कर देनदारी नहीं है (ऑर्डर 03 अप्रैल 2020 को जारी  किया गया)।

अधिनियम की धारा 119 के तहत जारी किए गए उपर्युक्‍त सभी ऑर्डर www.incometaxindia.gov.in पर ‘विविध संचार’ शीर्षक तथा https://www.staffnews.in पर Income Tax के अंतर्गत उपलब्ध हैं।

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