Tax on Accommodation provided by company कंपनी द्वारा दिए गए आवास पर कर 

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Tax on Accommodation provided by company कंपनी द्वारा दिए गए आवास पर कर 

Tax on Accommodation provided by company कंपनी द्वारा दिए गए आवास पर कर

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF FINANCE
DEPARTMENT OF REVENUE
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LOK SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 3607
ANSWERED ON – 08/08/2022

“TAX ON ACCOMMODATION”

3607. SHRIMATI SANGEETA KUMARI SINGH DEO:
“Will the Minister of FINANCE be pleased to state:

(a) whether no perquisite on accommodation is added to the salary of employees for the purpose of calculating income tax on those who are staying in quarters provided by the company after paying standard rent fixed by the company and House Rent Allowance (HRA) not being drawn by employees under section 17(2)(i) (ii) of Income Tax Act;

(b) if so, whether 20 percent perquisite on accommodation is being added to the salary of employees of Public Sector Enterprises (PSEs) like NTPC, Singrauli for the purpose of calculating income tax in the above case;

(c) if so, the reasons therefor;

(d) whether total HRA is deducted from the gross salary of Central Government employees who are staying in Government accommodation as against 20 percent of HRA added to gross salary of employees staying in quarters of PSEs like NTPC, Singrauli; and

(e) if so, the corrective steps being taken by the Government in this regard?

ANSWER

THE MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF FINANCE

(SHRI PANKAJ CHOUDHARY)

(a) Section 17 of the Income-tax Act, 1961 (the Act) provides the definition of perquisites for the purposes of sections 15, 16 and of 17 of the Act. Section 17(2)(i1) of the Act provides that perquisites includes the value of any concession in the matter of rent respecting any accommodation provided to the assessee by his employer. The applicable Rule is Rule 3(1) of the Income-tax Rules, 1962.

(b) Perquisites on accommodation for purpose of calculating of income tax are to be decided by the respective Public Sector Enterprises as per provisions indicated at (a) above.

(c) In view of the (b), it does not arise.

(d) The Central Government employees who stay in Government accommodation are not eligible for HRA. In view of the same, the query does not arise.

(e) In view of the (d) above, it does not arise.

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भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
राजस्व विभाग
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न सं. 3607
(जिसका उत्तर सोमवार, 8 अगस्त, 2022/17 श्रावण, 1944 (शक) को दिया जाना है)

आवास पर कर

3607. श्रीमती संगीता कुमारी सिंह देव:

क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या उन कर्मचारियों के वेतन में आयकर की गणना के उद्देश्य से आवास पर कोई अनुलाभ नहीं जोड़ा गया है, जो कंपनी द्वारा दिए गए क्वार्टर में रह रहे हैं और कंपनी द्वारा निर्धारित मानक किराए का भुगतान करने के बाद और आयकर अधिनियम की धारा 17(2)(i)(ii) के तहत आवास किराया भत्ता(एचआरए) नहीं ले रहे हैं;

(ख) यदि हां, तो क्‍या उपरोक्त मामले में आयकर की गणना के उद्देश्य से एनटीपीसी, सिंगरौली जैसे सरकारी क्षेत्र के उद्यमों (पीएसईएस) के कर्मचारियों के वेतन में आवास पर 20 प्रतिशत अनुलाभ जोड़ा जा रहा है;

(ग) यदि हां, तो इसके कया कारण है;

(घ) क्या सरकारी आवास में रहने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सकल वेतन से कुल एचआरए काटा जाता है, जबकि एनटीपीसी, सिंगरौली जैसे सरकारी क्षेत्र के उद्यमों के क्वार्टर में रहने वाले कर्मचारियों के सकल वेतन में एचआरए के 20 प्रतिशत को जोड़ा जाता है; और

(ड.) यदि हां, तो इस संबंध में सरकार द्वारा क्या सुधारत्मक कदम उठाए जा रहे हैं?

उत्तर

वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री पंकज चौधरी)

(क) आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 17, अधिनियम की धाराओं 15, 16 और 1 के प्रयोजनों के लिए अनुलाभों की परिभाषा प्रदान करती है। अधिनियम की धारा 17(2)0) में प्रावधान है कि अनुलाभ में निर्धारिती को उसके नियोक्ता द्वारा प्रदान किए गए किसी भी आवास के संबंध में किराए के मामले में किसी भी रियायत का मूल्य शामिल है। यह लागू नियम, आयकर नियमावली, 1962 का नियम 3(1) है।

(ख) आयकर की गणना के उद्देश्य से आवास पर अनुलाभों का निर्धारण संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा उपरोक्त सूचित (क) के प्रावधानों के अनुसार तय किया जाना है।

(ग) (ख) के मद्देनज़र प्रश्न नहीं उठता।

(घ) केंद्र सरकार के कर्मचारी जो सरकारी आवास में रह रहे हैं वे एचआरए के लिए पात्र नहीं हैं। इसी को देखते हुए, प्रश्न नहीं उठता।

(ड) उपरोक्त (घ) के मद्देनज़र प्रश्न नहीं उठता।

Source: Lok Sabha PDF

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